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प्रधानमंत्री मोदी ने मिजोरम में पहली बार रेल सेवा का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम में बैराबी-सैरंग रेल लाइन का उद्घाटन किया, जो स्वतंत्रता के 78 वर्षों बाद पहली बार रेल सेवा शुरू कर रही है। यह नई रेल सेवा सिलचर से ऐजोल की यात्रा को 10 घंटे से घटाकर 3 घंटे में लाएगी। इससे स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ होगा, क्योंकि उन्हें सामान लाने के लिए सड़क मार्ग पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस परियोजना का शिलान्यास 2014 में किया गया था और यह मिजोरम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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प्रधानमंत्री मोदी ने मिजोरम में पहली बार रेल सेवा का उद्घाटन किया

मिजोरम में रेल सेवा का शुभारंभ

PM Modi Mizoram Visit : स्वतंत्रता के 78 वर्षों के बाद, मिजोरम के जंगलों और पहाड़ों में पहली बार रेल सेवा शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैराबी-सैरंग रेल लाइन का उद्घाटन किया है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह रेल लाइन उनके सपनों को दिल्ली और अन्य क्षेत्रों से जोड़ने का कार्य करेगी।


यात्रा का समय कम होगा

इस नई रेलवे लाइन के माध्यम से सिलचर से ऐजोल की यात्रा, जो पहले 7-10 घंटे लगाती थी, अब केवल 3 घंटे में पूरी होगी। दिल्ली से सैरंग के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस में 18 स्टॉप्स होंगे, और यह यात्रा 18-20 घंटे में पूरी होगी।


2014 में शुरू हुआ था यह प्रोजेक्ट

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, मिजोरम के 12 लाख लोग इस रेल सेवा का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। इससे राज्य की तस्वीर बदल जाएगी और पर्यटन, रोजगार, और व्यापार के नए अवसर खुलेंगे। इस रेलवे लाइन की योजना 1999 में बनाई गई थी, और पीएम मोदी ने 2014 में इसका शिलान्यास किया था।


कोलासिब और ऐजोल के लोगों को लाभ

इस रेल लाइन से मिजोरम के कोलासिब और ऐजोल जिले के निवासियों को विशेष लाभ होगा। व्यापारी अब सिलचर से सामान लाने के लिए सड़क मार्ग पर निर्भर नहीं रहेंगे, जिससे उनकी लागत और समय दोनों में कमी आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ईंधन की बचत होगी, प्रदूषण में कमी आएगी, और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में 20-30% तक गिरावट आ सकती है।


बैराबी-सैरंग रेल लाइन की विशेषताएँ


  • इस रेल मार्ग पर 142 पुल (55 बड़े और 87 छोटे) हैं, और टिकट की कीमत मात्र 450 रुपये है।

  • सबसे लंबा पुल नंबर 97 है, जिसकी लंबाई 742 मीटर है, और इसे भविष्य में कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा।

  • इसमें 23 सुरंगें हैं, जिनकी कुल लंबाई 13 किमी है, और मिजोरम का सबसे ऊंचा पिलर (104 मीटर) भी है।

  • ब्रिज नंबर 144 भारत का दूसरा सबसे ऊंचा पिलर ब्रिज है।

  • यह रेल लाइन भूकंप-प्रतिरोधी है और भविष्य में इसे 223 किमी और बढ़ाकर म्यांमार तक ले जाने की योजना है।