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प्रधानमंत्री मोदी ने विशाखापत्तनम में 3 लाख लोगों के साथ मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम में 3 लाख लोगों और 40 देशों के राजनयिकों के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। इस वर्ष की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' थी। पीएम मोदी ने योग को मानवता के कल्याण का सामूहिक प्रयास बताया और इसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने योग के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान और चिकित्सा में इसके योगदान की चर्चा की। 'हील इन इंडिया' का मंत्र भी दिया गया, जो भारत को योग का प्रमुख गंतव्य बनाने में सहायक है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने विशाखापत्तनम में 3 लाख लोगों के साथ मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

विशाखापत्तनम में योग का भव्य आयोजन

विशाखापत्तनम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम में 3 लाख लोगों और 40 देशों के राजनयिकों के साथ योगाभ्यास किया। इस विशेष कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी उपस्थित थे। इस वर्ष की योग की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' रखी गई थी। मंच से पीएम मोदी ने योग को मानवता के कल्याण के लिए एक सामूहिक प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि योग का अर्थ है जोड़ना, और यह देखना सुखद है कि योग ने पूरी दुनिया को एक साथ लाने में मदद की है।


योग का महत्व और वैश्विक एकता

पीएम मोदी ने कहा, 'आज की दुनिया में एकता और समर्थन की भावना सामान्य नहीं है। यह केवल एक प्रस्ताव का समर्थन नहीं है, बल्कि मानवता के कल्याण के लिए एक सामूहिक प्रयास है।' उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में दुनिया तनाव और अशांति का सामना कर रही है, और ऐसे समय में योग शांति का मार्ग दिखाता है। योग एक 'पॉज बटन' की तरह है, जो मानवता को रुकने, सांस लेने और संतुलन बनाने की आवश्यकता है।


योग पर शोध और चिकित्सा में योगदान

प्रधानमंत्री ने योग के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि भारत योग की विज्ञान को आधुनिक अनुसंधान के माध्यम से और मजबूत कर रहा है। देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान योग पर अनुसंधान कर रहे हैं। उन्होंने एम्स के प्रयासों की सराहना की, जिसमें योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।


हील इन इंडिया का महत्व

पीएम मोदी ने 'हील इन इंडिया' का उल्लेख करते हुए कहा कि यह मंत्र आज विश्व में लोकप्रिय हो रहा है। भारत योग के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन रहा है। इसके लिए एक सामान्य प्रोटोकॉल बनाया गया है, और 5 लाख प्रशिक्षित स्वयंसेवक 130 संस्थानों में एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र तैयार कर रहे हैं।


एकता और स्वास्थ्य का संदेश

प्रधानमंत्री ने इस वर्ष की थीम को सच्चाई के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि 'एक धरती, एक स्वास्थ्य के लिए योग' का संदेश यह दर्शाता है कि धरती पर सभी चीजों का स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। मनुष्य की भलाई उस मिट्टी की सेहत पर निर्भर करती है, जिसमें हमारा भोजन उगता है। योग हमें इस आपसी जुड़ाव का एहसास कराता है और सिखाता है कि हम अकेले नहीं हैं, बल्कि प्रकृति का हिस्सा हैं।