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प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों की संख्या पर विवाद

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या की रात हुई भगदड़ में 82 लोगों की मौत का दावा किया गया है, जबकि राज्य सरकार ने 37 मौतों की पुष्टि की थी। बीबीसी की रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि पुलिस ने मृतकों के परिजनों को पैसे देकर उन्हें चुप कराया। इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं, जिसमें सपा और कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। मुख्यमंत्री ने भी कुछ मौतों की पुष्टि की थी, लेकिन बीबीसी की जांच ने नए आंकड़े पेश किए हैं।
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प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों की संख्या पर विवाद

महाकुंभ में भगदड़ की घटना

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या की रात हुई भगदड़ में कम से कम 82 लोगों की जान गई, जैसा कि एक रिपोर्ट में बताया गया है। जबकि राज्य सरकार ने 37 मौतों की पुष्टि की थी, हाल ही में अदालत ने मुआवजे की कमी पर नाराजगी व्यक्त की थी।


रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बीबीसी ने 11 राज्यों के 50 से अधिक जिलों का दौरा किया और कई परिवारों से बातचीत की। इसके अलावा, वीडियो फुटेज की जांच के बाद यह पाया गया कि चार स्थानों पर भगदड़ हुई थी, जिसमें 82 लोगों की मौत हुई।


पुलिस पर गंभीर आरोप

बीबीसी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 26 मृतकों के परिजनों को पुलिस ने पांच-पांच लाख रुपये दिए और उनसे शव लेकर जाने को कहा। रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों की तस्वीरें भी शामिल हैं, जिनमें वे परिजनों को पैसे देते हुए दिखाई दे रहे हैं। बताया गया है कि पुलिस ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को कुल 1 करोड़ 30 लाख रुपये नकद दिए।


रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 19 परिवार ऐसे हैं जिन्हें न तो घोषित मुआवजा मिला और न ही पुलिस द्वारा दी गई नकद राशि। इन परिवारों के पास मेला क्षेत्र की तस्वीरें हैं, जिनमें उनके परिजनों के शव दिख रहे हैं।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद, उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस घटना को 'तथ्य बनाम सत्य: 37 बनाम 82' के रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि सत्य को कब तक छिपाया जाएगा।


कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत ने भी राज्य सरकार और भाजपा पर तीखा हमला किया है।


मुख्यमंत्री का बयान

29 जनवरी को मौनी अमावस्या की रात हुई भगदड़ के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार किया था कि संगम नोज पर 30 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने अन्य स्थानों पर सात और मौतों की पुष्टि की थी। अब बीबीसी की रिपोर्ट में चार स्थानों पर भगदड़ की बात कही गई है, जिसमें कुल मौतों की संख्या 82 से अधिक बताई गई है।