प्रयागराज में 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म: क्या है समाज की जिम्मेदारी?

भयानक घटना ने झकझोर दिया समाज
Crime News Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के गंगानगर जोन के मऊआइमा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को चौंका दिया है। यहां एक 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है, जिसमें एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़के को आरोपी बनाया गया है। यह मामला न केवल संवेदनशीलता को चुनौती देता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और समाज की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाता है।
अश्लील वीडियो ने बढ़ाया अपराध का ग्राफ
सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखकर इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया। पीड़िता की मां ने बताया कि आरोपी ने बच्ची को टॉफी का लालच देकर अपने घर बुलाया और वहां सीढ़ी पर उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची की हालत इतनी गंभीर हो गई कि वह खून से लथपथ हो गई, जिसके बाद आरोपी वहां से भाग गया। बच्ची को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी स्थिति में सुधार हुआ और उसे सुरक्षित रूप से उसके परिवार को सौंप दिया गया।
पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी, जो कि एक हाईस्कूल का छात्र है, ने पुलिस पूछताछ में अपनी गलती स्वीकार की। घटना के बाद उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है ताकि दोषी को शीघ्र न्याय के कठघरे में लाया जा सके।
सुरक्षित माहौल की आवश्यकता
सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सभी की है
यह दुखद घटना न केवल एक परिवार को प्रभावित करती है, बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए कितनी जागरूकता और सावधानी बरती जा रही है। बच्चों की परवरिश, उनकी देखभाल और उनके आस-पास का माहौल सुरक्षित बनाना हर माता-पिता, समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी है। इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा और समाज के नैतिक मूल्यों पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण का निर्माण आवश्यक
प्रयागराज की इस घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि बच्चों को सुरक्षित वातावरण देना कितना आवश्यक है। समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसे अपराधों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी और बच्चों को सुरक्षा, शिक्षा और सही संस्कार प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। यह घटना हमें बताती है कि केवल कानून ही नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और परिवार की भूमिका भी बच्चों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण है।