प्रशांत किशोर ने बिहार चुनावों में गठबंधन में शामिल होने से किया इनकार
प्रशांत किशोर का स्पष्ट बयान
पटना। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के बहुमत न हासिल करने पर किसी गठबंधन सरकार में शामिल होने की संभावना को खारिज कर दिया। राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने किशोर ने कहा कि वह अपनी पार्टी के सिद्धांतों से समझौता करने के बजाय जनता के साथ काम करना पसंद करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि बिहार के लोग अभी बदलाव नहीं चाहते हैं, तो वह उनके साथ रहेंगे और अगले पांच वर्षों तक काम करते रहेंगे। सरकार में शामिल होने का कोई सवाल नहीं है। जन सुराज अपने बल पर सरकार बनाएगा, या विपक्ष में बैठेगा। अगर जरूरत पड़ी, तो हम एक और चुनाव भी करवा सकते हैं।
किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भाजपा के खिलाफ है और उन्होंने वैचारिक आधार पर उनका विरोध करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जन सुराज के निर्माण में उन्होंने बहुत मेहनत की है और बदलाव पहले से ही दिखाई दे रहा है। परिणामों का इंतज़ार है, और अगर इस बार जन सुराज को कम सीटें मिलती हैं, तो इससे बुरा क्या हो सकता है। किशोर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह गुजरात को प्राथमिकता दे रही है और बिहार में कारखानों की स्थापना की अनदेखी कर रही है। उन्होंने एक चुनावी रैली में कहा कि भाजपा को बिहार से वोट लेने के साथ-साथ यहां भी कारखाने लगाने चाहिए। पिछले 15 वर्षों से प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में नहीं, बल्कि गुजरात में कारखाने स्थापित किए हैं। महागठबंधन और सत्तारूढ़ एनडीए की आलोचना करते हुए किशोर ने सवाल उठाया कि क्या यह स्वीकार्य है कि नीतीश चाचा रहेंगे या जाएंगे।
