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प्रियंका चतुर्वेदी का BCCI और सरकार पर हमला, एशिया कप मैच को बताया 'श्रापित पैसा'

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर BCCI और केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने इसे 'श्रापित पैसा कमाने की कोशिश' बताया, खासकर हालिया आतंकवादी हमले के संदर्भ में। चतुर्वेदी ने सवाल उठाया कि क्या ऐसे हालात में भी भारत सरकार और क्रिकेट बोर्ड पाकिस्तान के साथ खेल संबंध बनाए रख सकते हैं। इस विवाद ने खेल और राजनीति के बीच की सीमाओं पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।
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प्रियंका चतुर्वेदी का BCCI और सरकार पर हमला, एशिया कप मैच को बताया 'श्रापित पैसा'

प्रियंका चतुर्वेदी का तीखा बयान

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और केंद्र सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में इस मैच को 'श्रापित पैसा कमाने की कोशिश' करार दिया।


एशियन क्रिकेट काउंसिल की पुष्टि

एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) ने यह पुष्टि की है कि यह बहुप्रतीक्षित मुकाबला 14 सितंबर को यूएई में आयोजित किया जाएगा। यह टूर्नामेंट 9 से 28 सितंबर तक चलेगा। भारत और पाकिस्तान की टीमें सुपर फोर और फाइनल में फिर से आमने-सामने आ सकती हैं। इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'जब पैसा हमारे जवानों के खून से ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाए। भारत सरकार का ऑपरेशन सिंदूर पर जो दोहरापन है, वह शर्मनाक है। BCCI यह केवल खून का पैसा नहीं, बल्कि श्रापित पैसा भी कमाने जा रहा है।'


प्रियंका चतुर्वेदी के सवाल

यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी, जिससे देश में शोक और गुस्सा फैल गया। चतुर्वेदी ने सवाल उठाया कि क्या ऐसे हालात में भी भारत सरकार और क्रिकेट बोर्ड पाकिस्तान के साथ खेल संबंध बनाए रख सकते हैं?


सोशल मीडिया पर उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस मैच से लाभ कमाने वाले सभी प्रायोजकों, ब्रॉडकास्टरों और स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों को 'नाम लेकर शर्मिंदा करें'। इसके साथ ही उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मैच के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने पूछा, 'क्या ये मंत्रालय भी झुक जाएंगे?'


आदित्य ठाकरे की आलोचना

शिवसेना (UBT) के नेता और वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'दुनिया भर में पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ प्रतिनिधिमंडल भेजने के बाद सरकार BCCI से यह कहने की भी हिम्मत नहीं कर पा रही कि वे टूर्नामेंट से हट जाएं। यह भारतीय भावनाओं का मजाक है।'


मंत्रालय की स्थिति

इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए, खासकर जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात हो। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि वर्तमान में BCCI राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक के कारण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, इसलिए सरकार के पास सीधी कार्रवाई का अधिकार नहीं है।


हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध नहीं हो सकते, लेकिन बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में भाग लेना ओलंपिक चार्टर के नियमों के अंतर्गत आता है, जो राजनीतिक भेदभाव की मनाही करता है। यह भारत के 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की कोशिशों के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहलू है।


लेकिन यह स्पष्ट है कि देश में एक बड़ा वर्ग इस मैच के खिलाफ है और अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या BCCI इस विवाद के बाद अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा।