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फरीदाबाद में बाल यौन अपराध पर कार्यशाला का आयोजन

फरीदाबाद में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने बाल यौन अपराधों पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल यौन शोषण के मामलों में बेहतर संस्थागत प्रतिक्रिया और अभियोजन प्रक्रिया में समन्वय को बढ़ावा देना था। कार्यशाला में विभिन्न कानूनी अधिकारियों ने पीड़ितों के अधिकारों और सुरक्षा पर चर्चा की। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और क्या-क्या बातें हुईं।
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फरीदाबाद में बाल यौन अपराध पर कार्यशाला का आयोजन

बाल यौन अपराधों पर कार्यशाला


(फरीदाबाद) फरीदाबाद। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने रितु यादव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-कम-सचिव की देखरेख में बाल यौन अपराधों पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यक्रम शक्ति वाहिनी नामक एक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन के सहयोग से नई न्यायिक इमारत, जिला न्यायालय परिसर, सेक्टर-12, फरीदाबाद में आयोजित किया गया।


इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बाल यौन शोषण के मामलों में संस्थागत प्रतिक्रिया को मजबूत करना और अभियोजन तथा न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े सभी पक्षों के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम की शुरुआत निशिकांत, कार्यकारी निदेशक, शक्ति वाहिनी द्वारा सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए की गई।


पीड़िता के परिवार को जमानत याचिका की प्रक्रिया में सूचित करना आवश्यक


सुरभि शिव पुरी, अधिवक्ता एवं कानूनी अधिकारी, शक्ति वाहिनी ने अपने संबोधन में पीड़िता के परिवार और लोक अभियोजक के बीच संवाद की कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि जमानत याचिका की प्रक्रिया के दौरान पीड़िता के परिवार को समय पर सूचित करना बेहद जरूरी है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और परिवार मानसिक रूप से तैयार रह सके।


रीतु यादव, सीजेएम-कम-सचिव, डीएलएसए, फरीदाबाद ने गवाह संरक्षण योजना और हरियाणा पीड़ित मुआवजा योजना के प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूरे विधिक प्रक्रिया के दौरान पीड़ितों और गवाहों की गरिमा और सुरक्षा बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।


सतेंद्र कुमार, जिला अटॉर्नी, और सुरेश चौधरी, विशेष लोक अभियोजक ने (बाल यौन अपराधों से संरक्षण) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई में अभियोजन पक्ष को आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की, जिसमें साक्ष्य संबंधी कठिनाइयाँ, प्रक्रिया में देरी, और बाल गवाहों की भावनात्मक संवेदनशीलता शामिल हैं। कार्यक्रम का समापन रविंदर गुप्ता, मुख्य बचाव अधिवक्ता, फरीदाबाद द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।