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फरीदाबाद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन

भाजपा ने 14 अगस्त को फरीदाबाद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि होंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कांग्रेस पार्टी को विभाजन का जिम्मेदार ठहराया। इस आयोजन के तहत मौन यात्रा भी निकाली जाएगी। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और कैसे भाजपा इसे बड़े स्तर पर मनाने की योजना बना रही है।
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फरीदाबाद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन

14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की तैयारी


भाजपा ने 14 अगस्त को फरीदाबाद में विभाजन की त्रासदी को याद करने के लिए एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस दिन मौन यात्रा भी निकाली जाएगी। फरीदाबाद में इस कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए भाजपा की एक बैठक अटल कमल कार्यालय में हुई। इस बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कांग्रेस पार्टी को भारत के विभाजन का जिम्मेदार ठहराया।


  • 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा, मौन यात्राएं भी निकाली जाएंगी
  • हर घर तिरंगा अभियान के तहत 10 से 13 अगस्त तक निकाली जाएंगी तिरंगा यात्राएं


मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

बड़ौली ने बताया कि 14 अगस्त को दशहरा मैदान में राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा, जिसमें प्रदेश भर के लोग शामिल होंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे, और इसमें मंत्री, विधायक और सांसद भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की सफलता के लिए कलस्टर प्रमुखों की नियुक्ति की गई है।


डॉ. कृष्ण लाल मिड्डा को पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर और कुरूक्षेत्र का कलस्टर प्रमुख बनाया गया है। इसी तरह, जगदीश चौपड़ा को डबवाली, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, हांसी, भिवानी, दादरी और मनीष ग्रोवर को सोनीपत, गोहाना, जींद, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है।


प्रधानमंत्री मोदी ने विभाजन की त्रासदी को समझा

बैठक के दौरान बड़ौली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन की त्रासदी को समझा है, इसलिए भाजपा इस दिन को स्मृति दिवस के रूप में मनाती आ रही है। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ता पाकिस्तान से आए लोगों को निमंत्रण देंगे और उन्हें सम्मानित करेंगे।


डॉ. कृष्ण लाल मिड्डा ने कहा कि बंटवारे से पहले देश में खुशी का माहौल था और हर किसी के आजादी के सपने थे।