फर्जी वैज्ञानिक की गिरफ्तारी: परमाणु डेटा और नक्शे बरामद
फर्जी वैज्ञानिक की गिरफ्तारी
नई दिल्ली। भारत के प्रमुख परमाणु अनुसंधान संस्थान भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) से एक फर्जी वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास से कुछ संदिग्ध सामग्री मिली है। मुंबई पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम अख्तर कुतुबुद्दीन हुसैनी है, और उसके पास से संदिग्ध परमाणु डेटा के साथ-साथ 14 नक्शे भी बरामद हुए हैं। ये नक्शे परमाणु केंद्र और उसके आस-पास के क्षेत्र के हैं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया है और यह जानकारी कितनी संवेदनशील है।
फर्जी पहचान और दस्तावेज
अख्तर कुतुबुद्दीन हुसैनी को पिछले सप्ताह वर्सोवा से गिरफ्तार किया गया था। वह खुद को वैज्ञानिक बताता था और उसके पास कई फर्जी पहचान पत्र जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड और पैन कार्ड मिले हैं। इसके अलावा, उसके पास भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर के फर्जी आईडी भी पाए गए हैं। एक आईडी पर उसका नाम अली राजा हुसैन और दूसरी पर एलेक्जेंडर पाल्मर लिखा हुआ है। पुलिस उसके कॉल रिकॉर्ड्स की जांच कर रही है, और यह पता चला है कि उसने हाल के महीनों में कई फर्जी पहचान पत्र बनवाए थे।
संवेदनशील जानकारियों का साझा होने का संदेह
इंटरनेशनल नेटवर्क से जुड़ाव का शक, पुलिस कर रही है जांच
पुलिस को संदेह है कि अख्तर किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ था और उसने संवेदनशील जानकारियों का आदान-प्रदान किया हो सकता है। उसकी पहचान बदलने की आदत और विभिन्न स्थानों पर नई पहचान के साथ रहने की जानकारी मिली है। उसे 2004 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था, जहां उसने खुद को एक वैज्ञानिक बताया था और गोपनीय दस्तावेजों का दावा किया था।
फर्जी दस्तावेजों का जाल
30 साल पहले बेचे घर के नाम पर पासपोर्ट बनवाए
अख्तर हुसैनी, जो मूल रूप से जमशेदपुर का निवासी है, ने 1996 में अपने पैतृक घर को बेच दिया था। इसके बाद उसने पुराने संपर्कों की मदद से कई फर्जी दस्तावेज बनवाए। उसके भाई आदिल ने उसे मुनज्जिल खान से मिलवाया, जिसने उनके लिए दो फर्जी पासपोर्ट तैयार कराए। इन पासपोर्टों पर 30 साल पहले बेचे गए जमशेदपुर के मकान का पता था। पुलिस का मानना है कि ये फर्जी दस्तावेज दोनों भाईयों को विदेश यात्रा करने में मदद करते थे।
