फारूक अब्दुल्ला की सुप्रीम कोर्ट में राज्य दर्जा बहाली की मांग पर प्रतिक्रिया

फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा बहाल करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर एक राज्य था, तब भी वहां आतंकवादी हमले होते रहे हैं, और इसका मुख्य कारण भारत के पड़ोसी देशों के साथ खराब संबंध हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों के लिए राज्य को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
आतंकवादी हमलों का संदर्भ
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अब्दुल्ला ने कहा, "कोई भी कुछ कमजोर नहीं कर सकता। ये हमले तब भी हुए थे जब यह एक राज्य था। केवल राज्य का दर्जा ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं। आतंकवादी वहीं से आते हैं। अगर वे राज्य के दर्जे और पहलगाम हमले की बात कर रहे हैं, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि मेरे कार्यकाल में भी कई घटनाएं हुईं, लेकिन तब यह एक राज्य था।"
सुप्रीम कोर्ट से उम्मीदें
लोगों को उम्मीद है कि SC मामले का लेगा संज्ञान
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, "हमने उस समय इसका सामना किया... लोगों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसका संज्ञान लेगा और हमारे अधिकारों को बहाल करेगा, जैसा कि सरकार ने संसद के अंदर और बाहर वादा किया है..."
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियाँ
सुप्रीम कोर्ट ने क्या की टिप्पणी!
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि जमीनी हकीकत का आकलन करना सरकार का विशेषाधिकार है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को निश्चित समयसीमा में राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा। सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले का हवाला दिया।
पहलगाम आतंकी हमले का विवरण
जानिए पहलगाम में कब हुआ आतंकी हमला!
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे। इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की गंभीरता को उजागर किया।