फास्ट फूड के सेवन से छात्रा की मौत: अमरोहा की अहाना की दुखद कहानी
अहाना की स्वास्थ्य समस्या
अमरोहा की एक छात्रा, अहाना, के मामले ने फास्ट फूड के लगातार सेवन के खतरनाक प्रभावों को उजागर किया है। परिजनों के अनुसार, चाऊमीन, मैगी, पिज्जा और बर्गर जैसी चीजों का बार-बार सेवन करने से उसकी सेहत पर गंभीर असर पड़ा। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के दौरान, वह दिल्ली के एम्स में अपनी जान गंवा बैठी।
परिवार की पृष्ठभूमि
अहाना, किसान मंसूर खान की सबसे छोटी बेटी थी, जो अमरोहा के मोहल्ला अफगानान में रहती थी। उसके परिवार में मां सारा खान, एक भाई और दो बहनें हैं। अहाना पढ़ाई में काफी प्रतिभाशाली थी और शहर के हाशमी गर्ल्स इंटर कॉलेज में कक्षा 11 की छात्रा थी। परिवार का कहना है कि वह अक्सर बाहर का फास्ट फूड खाती थी, और मना करने के बावजूद उसकी यह आदत नहीं बदली।
स्वास्थ्य में गिरावट
सितंबर से अहाना की तबीयत बिगड़ने लगी, और उसे पेट में तेज दर्द की शिकायत होने लगी। जब दर्द बढ़ा, तो 30 नवंबर को उसे मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में डॉक्टरों ने बताया कि उसकी आंतों में कई जगह छेद हो चुके हैं। परिवार का दावा है कि डॉक्टरों ने लंबे समय तक फास्ट फूड के सेवन को स्थिति के बिगड़ने का मुख्य कारण बताया।
ऑपरेशन और स्वास्थ्य में सुधार
अहाना की गंभीर स्थिति को देखते हुए ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद उसे लगभग दस दिन में छुट्टी मिल गई, लेकिन घर लौटने के बाद उसकी कमजोरी बढ़ती गई और सामान्य गतिविधियों में कठिनाई होने लगी।
दिल्ली में इलाज के दौरान निधन
चार दिन पहले उसकी तबीयत फिर से बिगड़ गई, जिसके बाद परिजन उसे दिल्ली के एम्स ले गए। वहां इलाज के दौरान कुछ सुधार भी हुआ और वह चलने-फिरने लगी थी, जिससे परिवार को उम्मीद बंधी। लेकिन रविवार रात अचानक उसकी हालत बिगड़ गई और हार्ट फेल होने से उसकी मृत्यु हो गई। अहाना के मामा गुलजार खान ने बताया कि डॉक्टरों ने आंतों की बिगड़ी हालत के पीछे फास्ट फूड को मुख्य कारण बताया है। इस होनहार छात्रा की असमय मौत से परिवार में शोक की लहर है।
