फिलीपींस की सेना ने भारत के आकाश-1एस वायु रक्षा प्रणाली में दिखाई रुचि

आकाश-1एस रक्षा प्रणाली की ताकत
आकाश-1एस रक्षा प्रणाली: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय हथियारों ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। अब, दुनिया भर के देश भारतीय हथियारों को खरीदने की इच्छा जता रहे हैं। इसी संदर्भ में, फिलीपींस की सेना ने भारत की स्वदेशी आकाश-1एस वायु रक्षा प्रणाली में गहरी रुचि दिखाई है। यह वही प्रणाली है जिसने पाकिस्तान की फतेह-1 मिसाइल को नष्ट किया था।
आकाश-1एस एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे भारत ने उन्नत बैलिस्टिक मिसाइलों और आर्टिलरी रॉकेटों को निष्क्रिय करने के लिए विकसित किया है।
इस प्रणाली का उपयोग भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष में किया था, और इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने इसे चर्चा का विषय बना दिया। फिलीपींस अब इसे चीन के खतरे से अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खरीदने की योजना बना रहा है।
आकाश वायु रक्षा प्रणाली की विशेषताएँ
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत
आकाश वायु रक्षा प्रणाली की अधिकतम सीमा 45 किलोमीटर है, और यह 20 किलोमीटर की ऊँचाई तक किसी भी उन्नत मिसाइल को रोकने में सक्षम है।
इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर है, जो ड्रोन, क्रूज मिसाइल और गाइडेड आर्टिलरी रॉकेट जैसे तेज़ गति से उड़ने वाले लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधता है।
राजेंद्र फेज़्ड-एरे रडार एक साथ 64 लक्ष्यों को ट्रैक करने और 12 मिसाइलों को एक साथ निर्देशित करने की क्षमता रखता है। यह प्रणाली बहु-दिशात्मक खतरों से निपटने के लिए अत्यंत प्रभावी है। पूरी दुनिया ने आकाश-1 की क्षमता को निर्देशित रॉकेट और कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ देखा है।
फिलीपींस की वायु रक्षा प्रणाली में सुधार
फिलीपींस का एयर डिफेंस होगा मजबूत
यदि फिलीपींस भारत के साथ आकाश प्रणाली को लेकर समझौता करता है, तो उसकी वायु रक्षा प्रणाली और भी मजबूत हो जाएगी। फिलहाल, फिलीपींस की वायु रक्षा प्रणाली स्पाइडर (सतह से हवा में मार करने वाली पायथन और डर्बी) पर निर्भर है, जो एक मोबाइल छोटी और मध्यम दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है, जिसे इज़राइली रक्षा कंपनियों ने विकसित किया है। इसमें पायथन-5 (इमेजिंग आईआर होमिंग) और डर्बी (सक्रिय रडार होमिंग) मिसाइलों का उपयोग किया जाता है, और यह रडार आधारित बहु-लक्ष्य अवरोधन की क्षमता रखती है।