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फिलीस्तीन की मान्यता के लिए बढ़ता अंतरराष्ट्रीय समर्थन

सऊदी अरब ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में और देश फिलीस्तीन को मान्यता देंगे। हाल के महीनों में कई देशों ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है, जिसमें यूरोप के कई देश शामिल हैं। हाल ही में ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से फिलीस्तीन को मान्यता दी है। यह बढ़ता समर्थन दर्शाता है कि फिलीस्तीन की मान्यता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति बन रही है। आगे देखना होगा कि कितने और देश इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
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फिलीस्तीन की मान्यता के लिए बढ़ता अंतरराष्ट्रीय समर्थन

सऊदी अरब की उम्मीदें

सऊदी अरब ने हाल ही में कहा है कि वह आशा करता है कि भविष्य में और अधिक देश फिलीस्तीन को मान्यता देंगे। यह बयान मध्य पूर्व में बढ़ती कूटनीतिक गतिविधियों और गाजा संकट के संदर्भ में आया है, जहां वैश्विक स्तर पर यह मांग बढ़ रही है कि फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्वीकार किया जाए, ताकि शांति प्रक्रिया को मजबूती मिल सके।


हालिया मान्यता की घोषणाएं


हाल के महीनों में कई देशों ने फिलीस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की है, विशेषकर यूरोप और अन्य क्षेत्रों से। उदाहरण के लिए, मई 2024 में स्पेन, आयरलैंड और नार्वे ने औपचारिक रूप से फिलीस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता दी। इसके बाद, जून 2024 में स्लोवेनिया ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ाया।


पश्चिमी देशों की घोषणाएं

कुछ पश्चिमी देशों ने भी फिलीस्तीन को मान्यता देने की योजना बनाई है। माल्टा ने इसकी घोषणा की है, और हाल ही में 21 सितंबर 2025 को ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से फिलीस्तीन को मान्यता दी। उसी दिन पुर्तगाल ने भी इसी प्रकार की मान्यता दी।


अंतरराष्ट्रीय समर्थन में वृद्धि

इन घटनाक्रमों से यह स्पष्ट होता है कि फिलीस्तीन की मान्यता के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन बढ़ रहा है। यूरोप के कई देश, जो पहले इस मुद्दे पर चुप थे, अब खुलकर समर्थन कर रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कितने और देश इस दिशा में कदम उठाते हैं और मान्यता की प्रक्रिया कब औपचारिक रूप लेगी।