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फ्रांस के राष्ट्रपति महल में चोरी: वेटर और उसके साथी गिरफ्तार

फ्रांस के राष्ट्रपति महल में एक वेटर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर कीमती चांदी के बर्तन और दुर्लभ सामान चुरा लिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक जांच में चोरी का नुकसान 15,000 से 40,000 यूरो के बीच आंका गया है। महल से गायब वस्तुएं ऑनलाइन नीलामी साइटों पर बिक्री के लिए सूचीबद्ध पाई गईं। इस मामले ने उच्च-सुरक्षा वाले स्थानों में आंतरिक नियंत्रण की आवश्यकता को उजागर किया है।
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फ्रांस के राष्ट्रपति महल में चोरी: वेटर और उसके साथी गिरफ्तार

फ्रांस में सुरक्षा को चुनौती देने वाली चोरी

पेरिस - फ्रांस में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास एलीसी पैलेस में काम करने वाले एक वेटर ने अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर महल से कीमती चांदी के बर्तन और दुर्लभ सामान चुरा लिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ अगले वर्ष मुकदमा चलाया जाएगा।


महल के मुख्य प्रबंधक ने चोरी की सूचना दी थी। प्रारंभिक जांच में अनुमानित नुकसान 15,000 से 40,000 यूरो के बीच है, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 42 लाख रुपये के बराबर है। जांच में एक नया मोड़ तब आया जब महल को नियमित आपूर्ति करने वाली प्रतिष्ठित Sèvres Manufactory ने देखा कि कई वस्तुएं ऑनलाइन नीलामी साइटों पर बिक्री के लिए सूचीबद्ध हैं। इसके बाद स्टाफ से पूछताछ की गई और जांचकर्ताओं का शक एक सिल्वर स्टीवर्ड (वेटर) पर गहरा गया।


इन्वेंट्री रिकॉर्ड से संकेत मिला कि आरोपी भविष्य में और चोरी की योजना बना रहा था। पुलिस ने पाया कि वह एक कंपनी के मैनेजर के संपर्क में था, जो टेबलवेयर की ऑनलाइन बिक्री में विशेषज्ञता रखती है। जांच के दौरान आरोपी के विंटेड (Vinted) अकाउंट पर एक प्लेट मिली, जिस पर “फ्रांसीसी वायु सेना” और “सेवर्स कारख़ाना” अंकित था, ये वस्तुएं आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं होतीं। इसके बाद आरोपी के निजी लॉकर, कार और घर की तलाशी ली गई, जहां से लगभग 100 कीमती वस्तुएं बरामद हुईं।


क्या-क्या बरामद हुआ
बरामद सामान में तांबे के सॉसपैन, सेवर्स की चीनी मिट्टी के बर्तन, रेने लालिक की एक प्रतिमा और Baccarat की शैंपेन कूप शामिल हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमत है।


आगे की कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, तीनों आरोपियों के खिलाफ चोरी, संगठित अपराध और सरकारी संपत्ति की हेराफेरी के आरोप लगाए जा रहे हैं। यह मामला राष्ट्रपति भवन जैसी उच्च-सुरक्षा वाली जगहों पर आंतरिक नियंत्रण और इन्वेंट्री निगरानी की आवश्यकता पर सवाल उठाता है।