फ्रांस में राजनीतिक संकट: प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु का इस्तीफा

फ्रांस के प्रधानमंत्री का इस्तीफा
फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु का कार्यकाल एक महीने से भी कम समय का रहा। उन्हें 9 सितंबर को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन अपने मंत्रिमंडल की घोषणा के बाद से ही उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
लेकोर्नु के मंत्रिमंडल में 18 सदस्यों में से 12 पूर्व सरकार के नेता थे, जिससे उनकी आलोचना बढ़ गई। उन्हें नेशनल असेंबली में अपनी सरकार का रोडमैप प्रस्तुत करना था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
सबसे छोटा कार्यकाल
सेबेस्टियन लेकोर्नु का प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल 1958 के बाद से सबसे छोटा है। उनका कार्यकाल एक महीने से भी कम समय का रहा, जिससे उनका नाम एक नया रिकॉर्ड बन गया है।
आर्थिक चुनौतियाँ
लेकोर्नु के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति मैक्रों पर भी दबाव बढ़ गया है। मैक्रों पहले ही तीन असफल अल्पमत सरकारों का नेतृत्व कर चुके हैं। उन्हें फ्रांस के बढ़ते घाटे को कम करने के लिए संसद में संतुलित बजट पारित कराने की चुनौती दी गई थी। 2024 में फ्रांस का घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.8% और कर्ज 113% था, जो यूरोपीय संघ के नियमों से काफी अधिक है।