बगराम एयरबेस पर तालिबान का कड़ा रुख: अमेरिका को नहीं देंगे एक इंच जमीन

बगराम एयरबेस पर तनाव बढ़ता जा रहा है
Bagram air base: काबुल से अमेरिका तक बगराम एयरबेस को लेकर स्थिति और भी तनावपूर्ण होती जा रही है। तालिबान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अमेरिका के साथ इस एयरबेस पर किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं करेगा। तालिबान आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ कारी फसीहुद्दीन फितरत ने रविवार को एक बयान में कहा कि बगराम एयरबेस पर किसी भी तरह का समझौता संभव नहीं है।
फितरत का बयान
फितरत का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि तालिबान ने बगराम एयरबेस नहीं सौंपा, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह एयरबेस 2001 से 2021 तक अमेरिकी सेना का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, और अब वॉशिंगटन की नजरें फिर से इस पर हैं।
तालिबान सेना प्रमुख का स्पष्ट संदेश
कारी फसीहुद्दीन फितरत ने कहा कि कई भ्रम फैलाए जा रहे हैं कि तालिबान की बगराम पर ट्रंप प्रशासन से बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। हमारी जमीन के किसी हिस्से पर भी विदेशी ताकत से समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका बातचीत के माध्यम से बगराम पर फिर से नियंत्रण पाना चाहता है, लेकिन यह संभव नहीं है।
'एक इंच जमीन भी नहीं देंगे'
फितरत ने दोहराया कि अफगानिस्तान की भूमि किसी भी कीमत पर विदेशी सेना को नहीं सौंपी जाएगी। उनका यह बयान ट्रंप की धमकी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने तालिबान को बगराम सौंपने की शर्त रखी थी।
रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
तालिबान सेना प्रमुख के बयान के बाद, अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने भी अमेरिकी चेतावनी को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका को स्पष्ट रूप से बता देना चाहते हैं कि हम अगले 20 साल तक लड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं, अफगान विदेश मंत्रालय के राजनीतिक निदेशक जाकिर जलाली ने कहा कि अफगानी लोग विदेशी सैनिकों को स्वीकार नहीं करेंगे और किसी भी स्थिति में अपनी जमीन पर बाहरी ताकत का कब्जा बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बगराम एयरबेस का महत्व
बगराम एयरबेस भू-राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह 2001 से 2021 तक लगभग 20 वर्षों तक अमेरिकी सेना का मुख्य अड्डा रहा। अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के बाद यह पूरी तरह से तालिबान के नियंत्रण में है। अब ट्रंप प्रशासन इस पर फिर से कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन तालिबान ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होगा।