बच्चू कडू को सरकारी अधिकारी पर हमले के मामले में मिली सजा

बच्चू कडू को मिली सजा
मुंबई: प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक ओमप्रकाश बाबाराव उर्फ बच्चू कडू को एक पुराने मामले में बड़ा झटका लगा है। मुंबई की सेशन कोर्ट ने उन्हें एक सरकारी अधिकारी पर हमले के लिए तीन महीने की कैद और 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया है।
यह घटना 26 सितंबर 2018 की है, जब बच्चू कडू मुंबई में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्कालीन निदेशक और आईएएस अधिकारी प्रदीप पी. के कार्यालय पहुंचे थे। वहां उन्होंने अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर हमला किया।
कोर्ट ने कडू को भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोकसेवक को कर्तव्य पालन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया। हालांकि, उन्हें जानबूझकर अपमान करने के आरोप से बरी कर दिया गया।
कोर्ट ने उच्च न्यायालय में अपील दायर करने तक कडू की सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें जमानत भी दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने अपने फैसले में कहा, "विधायक होने का मतलब यह नहीं है कि आपको हमला करने का लाइसेंस मिल जाता।" अदालत ने यह भी कहा कि सरकारी विभागों के कामकाज या भर्ती परीक्षाओं के आयोजन को लेकर शिकायतें हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई जनप्रतिनिधि सीधे अधिकारी पर हमला करे या उसे धमकाए।
बच्चू कडू, जो पहले विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं, महाराष्ट्र की राजनीति में एक मुखर और आक्रामक नेता के रूप में जाने जाते हैं। यह फैसला उनके लिए कानूनी और राजनीतिक दोनों ही दृष्टिकोण से बड़ा झटका माना जा रहा है।