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बवानीखेड़ा अस्पताल में सुधार की दिशा में उठाए जा रहे कदम

बवानीखेड़ा में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए विधायक कपूर सिंह वाल्मिकी ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का आश्वासन दिया है। अस्पताल को 100 बेड का बनाया जाएगा और इसे आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। विधायक ने दवाइयों और डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सिविल सर्जन से बातचीत करने का भी वादा किया है। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जानें और क्या कदम उठाए जा रहे हैं इस अस्पताल के सुधार के लिए।
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बवानीखेड़ा अस्पताल में सुधार की दिशा में उठाए जा रहे कदम

बवानीखेड़ा में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार


न्यूज़ मीडिया: बवानीखेड़ा में अब मरीजों, उनके परिवारों और चिकित्सकों को इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां के नागरिक अस्पताल को 100 बेड का बनाया जाएगा और इसे सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। नया अस्पताल भवन पुराने अस्पताल के पीछे खाली पड़ी भूमि पर स्थापित किया जाएगा। क्षेत्र के विधायक कपूर सिंह वाल्मिकी ने शुक्रवार को एक विशेष बातचीत में बताया कि बवानीखेड़ा में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है ताकि लोगों को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े।


स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए विधायक का आश्वासन

विधायक कपूर सिंह वाल्मिकी ने 'बवानीखेड़ा मांगे हक' अभियान के तहत स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित मुद्दों का ध्यान रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि कस्बे के निवासियों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करने दिया जाएगा और इसके लिए वे लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन से बातचीत कर दवाइयों और चिकित्सकों की कमी को शीघ्र पूरा किया जाएगा। इस बातचीत के दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।


बवानीखेड़ा अस्पताल की स्थिति पर विधायक का जवाब

बवानीखेड़ा अस्पताल की स्थिति पर विधायक का जवाब – जल्द होगा सुधार


सवाल: बवानीखेड़ा के सरकारी अस्पताल में दवाइयों की कमी है, इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: मरीजों को दवाइयों की परेशानी न हो, इसके लिए मैं खुद सिविल सर्जन से बात करूंगा। दवा की कमी जल्दी दूर की जाएगी। मेरी प्राथमिकता है कि कस्बे के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें।


सवाल: अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है, लोग निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं?
जवाब: अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अधिकारियों को डेपुटेशन के जरिए डॉक्टर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। अगर फिर भी समस्या बनी रही, तो मैं खुद अस्पताल का दौरा करूंगा और तुरंत समाधान कराऊंगा।


सवाल: अस्पताल की बिल्डिंग बहुत पुरानी और खराब हालत में है, इस पर क्या कदम उठाए जाएंगे?
जवाब: बवानीखेड़ा में 100 बेड का नया अस्पताल बनाया जाएगा जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और मौजूदा अस्पताल के पीछे खाली जमीन पर इसका निर्माण होगा।


बवानीखेड़ा अस्पताल की बड़ी समस्याएं

बवानीखेड़ा अस्पताल की बड़ी समस्याएं


46 साल पुरानी बिल्डिंग अब जर्जर हो चुकी है।


सभी 7 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पद खाली हैं।


सीनियर मेडिकल ऑफिसर के 2 में से 1 पद खाली है।


दवाएं देने वाले 3 फार्मासिस्ट में से सिर्फ 1 काम कर रहा है।


एक्स-रे के लिए 2 में से 1 रेडियोग्राफर ही है।


आम दवाओं की भारी कमी है।


अस्पताल के टॉयलेट गंदे और खराब हैं।


इमरजेंसी विभाग की हालत भी बहुत खराब है।


एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही।


मरीजों को गर्मी और मच्छरों से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं है।