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बस्तर में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: सुरक्षा बलों की कार्रवाई का असर

बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की निरंतर कार्रवाई के परिणामस्वरूप हाल ही में 31 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन नक्सलियों पर 81 लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वालों में कई प्रमुख नाम शामिल हैं, जो लंबे समय से पुलिस की वांछित सूची में थे। नक्सलियों के हथियार डालने के पीछे सुरक्षा बलों के ऑपरेशनों, विकास की गति और संगठन के भीतर मतभेदों का बड़ा हाथ है। बीजापुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सरकार की पुनर्वास योजना भी आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित कर रही है।
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बस्तर में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: सुरक्षा बलों की कार्रवाई का असर

नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की सफलता

बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों और सरकार की निरंतर कोशिशें रंग ला रही हैं। हाल ही में, 31 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिन पर कुल 81 लाख रुपये का इनाम था। ये नक्सली बीजापुर, गंगालूर, पामेड़, नैमेड, भैरमगढ़ और भोपालपट्टनम जैसे क्षेत्रों में लंबे समय से सक्रिय थे।


आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान

पुलिस के एक प्रेस नोट के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में सोनू हेमला, किल्लू पुनेम, कोसी कुंजाम, मोटी हेमला, बुधरी कुंजाम और झंगु पोयाम जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इनमें से कई नक्सली पुलिस की वांछित सूची में थे और कई अपराधों में उनकी संलिप्तता रही है। इस आत्मसमर्पण सूची में डीवीसीएम, एसीएम, एरिया कमेटी और सीपीआई (माओवादी) के कई सदस्य शामिल हैं।


नक्सलियों के हथियार डालने के कारण

नक्सलियों ने क्यों डाले हथियार?

सुरक्षा बलों के निरंतर ऑपरेशनों, बस्तर में विकास की गति और संगठन के भीतर बढ़ते मतभेदों को नक्सलियों के आत्मसमर्पण का मुख्य कारण माना जा रहा है। सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाओं का विस्तार लोगों की सोच में बदलाव ला रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मानसिक और आर्थिक शोषण के कारण भी नक्सलियों का संगठन पर से विश्वास उठ रहा है।


सफलता के आंकड़े

आंकड़े बताते हैं सफलता

वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक कुल 331 नक्सली घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें से 307 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 132 मुठभेड़ों में मारे गए। पिछले वर्ष 2024 में 496 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था और 190 नक्सली कार्रवाई में ढेर हुए थे। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि नक्सली संगठन धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है।


पुनर्वास योजना का प्रभाव

पुनर्वास योजना का असर

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि सरकार की पुनर्वास और 'नवजीवन योजना' नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित कर रही है। इस योजना के तहत आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। यही कारण है कि नक्सली अब हिंसा छोड़कर सम्मानजनक जीवन की ओर बढ़ रहे हैं।