बांग्लादेश की नई रणनीति: भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का भारत के प्रति सकारात्मक रुख
बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार अब भारत के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस और उनके विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने स्पष्ट किया है कि वे भारत के प्रति कोई नकारात्मक नीति नहीं अपनाएंगे। 26 जून को दिए गए एक बयान में हुसैन ने बताया कि हाल ही में चीन और पाकिस्तान के साथ हुई बैठक का भारत को नजरअंदाज करने से कोई संबंध नहीं था।
कुनमिंग में हुई बैठक का संदर्भ
कुनमिंग में आयोजित चीन-दक्षिण एशिया प्रदर्शनी और सहयोग मंच के दौरान बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई थी। इस बैठक से पाकिस्तान और चीन की ओर से ऐसे बयान आए, जिससे यह आभास हुआ कि तीनों देश एक नए रणनीतिक गठजोड़ की ओर बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान ने इसे एक 'त्रिपक्षीय गुट' के रूप में पेश किया, लेकिन बांग्लादेश ने इस धारणा को सख्ती से खारिज कर दिया।
बांग्लादेश ने बैठक को बताया सामान्य
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस बैठक को पूरी तरह से गैर-राजनीतिक बताया। तौहीद हुसैन ने कहा कि यह केवल एक सामान्य बातचीत थी जिसमें कनेक्टिविटी और आपसी सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं था और न ही भारत के खिलाफ कोई योजना बनाई गई थी।
भारत के साथ संबंध सुधारने की इच्छा
तौहीद हुसैन ने स्वीकार किया कि भारत और शेख हसीना सरकार के बीच गहरे संबंध थे, लेकिन वर्तमान में ऐसे संबंध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा कार्यवाहक सरकार भारत के साथ संबंधों को सुधारने की इच्छुक है। यदि भारत, नेपाल और बांग्लादेश की कोई साझा बैठक होती है, तो ढाका उसमें शामिल होने के लिए तैयार है।
पाकिस्तान और चीन को झटका
इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका दिया है। जिस त्रिपक्षीय गठजोड़ की पाकिस्तान कोशिश कर रहा था, उस पर बांग्लादेश ने स्पष्ट इनकार कर दिया है। इससे यह संकेत मिलता है कि बांग्लादेश फिलहाल किसी ऐसे ब्लॉक का हिस्सा नहीं बनना चाहता जो भारत के खिलाफ हो।
नई दिल्ली के लिए सकारात्मक संकेत
बांग्लादेश की यह नई रणनीति भारत के लिए एक सकारात्मक संदेश है। ढाका की कोशिश है कि पिछले कुछ महीनों में आई कड़वाहट को समाप्त किया जाए और भारत के साथ संबंधों में नई जान फूंकी जाए। मोहम्मद यूनुस की सरकार भारत के साथ पुराने संबंधों को फिर से जीवित करना चाहती है।