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बांग्लादेश की सरकार ने खोली 117 साल पुरानी तिजोरी, दरिया-ए-नूर हीरा हो सकता है मौजूद

बांग्लादेश की नई सरकार ने एक स्टेट बैंक की 117 साल पुरानी तिजोरी खोलने का निर्णय लिया है, जिसमें दरिया-ए-नूर हीरा होने की संभावना है। यह हीरा, जिसे कोहिनूर की बहन माना जाता है, भारत से निकाला गया था और इसकी कीमत लगभग 13 मिलियन डॉलर आंकी गई है। तिजोरी के खुलने से इस ऐतिहासिक हीरे के बारे में नई जानकारी मिल सकती है।
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बांग्लादेश की सरकार ने खोली 117 साल पुरानी तिजोरी, दरिया-ए-नूर हीरा हो सकता है मौजूद

117 साल बाद खुली तिजोरी

बांग्लादेश की नई सरकार ने ढाका स्थित एक स्टेट बैंक की तिजोरी को खोलने का निर्णय लिया है, जो लंबे समय से बंद पड़ी थी। यह तिजोरी 1908 में सील की गई थी, और अब इसे खोले जाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस तिजोरी में दरिया-ए-नूर हीरा होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह हीरा वास्तव में वहां मौजूद है या नहीं, क्योंकि इसे दशकों से नहीं देखा गया है।




दरिया-ए-नूर को कोहिनूर हीरे की बहन माना जाता है, जो वर्तमान में ब्रिटेन में है। दोनों हीरे भारत से निकाले गए थे। दरिया-ए-नूर की वर्तमान कीमत लगभग 13 मिलियन डॉलर, यानी लगभग 114.5 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसका नाम 'दरिया-ए-नूर' का अर्थ 'खूबसूरती की नदी' है, और यह 26 कैरेट का एक अद्वितीय हीरा है, जो अपने आयताकार और सपाट सतह के लिए प्रसिद्ध है।


बांग्लादेश के एक समाचार पत्र के अनुसार, यह हीरा दक्षिण भारत के खदानों से निकला था, जहां से कोहिनूर हीरा भी मिला था। यह हीरा एक सुनहरे कंगन के केंद्र में जड़ा हुआ था, जिसके चारों ओर 10 छोटे हीरे थे, प्रत्येक लगभग 5 कैरेट के। इस हीरे की विशेषता केवल इसकी सुंदरता नहीं, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। यह हीरा भारत के मराठा राजाओं, मुगलों और अन्य शासकों के पास रहा है, और ब्रिटिश शासन के दौरान कई हाथों से गुजरा।