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बांग्लादेश के छात्र नेता हादी की हत्या: मेघालय में छिपे संदिग्धों का खुलासा

बांग्लादेश के छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मामले में ढाका पुलिस ने खुलासा किया है कि दो मुख्य संदिग्ध भारत के मेघालय में छिपे हुए हैं। इन संदिग्धों ने अवैध तरीके से सीमा पार की और बांग्लादेशी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें स्थानीय सहयोगियों की मदद मिली। बांग्लादेश सरकार इस मामले में भारत के साथ संपर्क में है, ताकि आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया जा सके। हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, और अब इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है।
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बांग्लादेश के छात्र नेता हादी की हत्या: मेघालय में छिपे संदिग्धों का खुलासा

नई दिल्ली में हादी हत्या का नया मोड़

नई दिल्ली: बांग्लादेश के प्रमुख छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मामले में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। ढाका महानगर पुलिस ने बताया है कि इस हत्या के दो मुख्य संदिग्ध भारत के मेघालय राज्य में प्रवेश कर चुके हैं। पुलिस के अनुसार, ये आरोपी अवैध तरीके से सीमा पार कर भारत आए हैं और संभवतः मेघालय के तुरा शहर में छिपे हुए हैं।


मेघालय में संदिग्धों का छिपना

ढाका पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त एसएन नजमुल इस्लाम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि मुख्य संदिग्ध फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है। उन्होंने बताया कि ये दोनों आरोपी मयमनसिंह शहर की हलुआघाट सीमा के रास्ते भारत में दाखिल हुए और इसके लिए उन्हें स्थानीय सहयोगियों का सहारा मिला।


स्थानीय नेटवर्क की भूमिका

पुलिस के अनुसार, सीमा पार करने के बाद संदिग्धों को पुर्ती नामक एक व्यक्ति ने रिसीव किया। इसके बाद 'समी' नामक टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें मेघालय के तुरा शहर तक पहुँचाया। बांग्लादेशी अधिकारियों का कहना है कि इन संदिग्धों की मदद करने वाले व्यक्तियों को भारतीय अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है।


बांग्लादेश सरकार का भारत से संपर्क

बांग्लादेश सरकार इस मामले में भारत के साथ औपचारिक और अनौपचारिक दोनों स्तरों पर बातचीत कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके प्रत्यर्पण के लिए बातचीत जारी है, ताकि हादी हत्या मामले में शीघ्र न्याय सुनिश्चित किया जा सके।


शरीफ उस्मान हादी का परिचय

32 वर्षीय शरीफ उस्मान हादी बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन 'इंकलाब मंच' के प्रवक्ता और एक प्रमुख छात्र नेता थे। वह शेख हसीना सरकार के खिलाफ पिछले साल हुए 'जुलाई विद्रोह' के प्रमुख चेहरों में से एक थे। हादी फरवरी 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों में ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की योजना बना रहे थे। उन्हें भारत की क्षेत्रीय नीतियों और शेख हसीना सरकार के साथ भारत के संबंधों का मुखर आलोचक माना जाता था।


दिनदहाड़े हमला

12 दिसंबर को मध्य ढाका के बिजयनगर इलाके में हादी पर उस समय हमला हुआ जब वह चुनाव प्रचार में जुटे थे। मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उनके सिर में गोली मारी। गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मृत्यु हो गई।


हिंसा का फैलाव

हादी की मौत की खबर फैलते ही बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने 'प्रोथोम आलो' और 'द डेली स्टार' जैसे प्रमुख अखबारों के दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके अलावा ढाका के छायानाट भवन और उदीची शिल्पी गोष्ठी जैसे सांस्कृतिक संगठनों को भी निशाना बनाया गया।


भारतीय उच्चायोग बंद करने की मांग

हादी के समर्थकों ने इस हत्या के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग को बंद करने की मांग की, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए।


अंतरिम सरकार पर दबाव

फिलहाल बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर भारी दबाव है। 'इंकलाब मंच' ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला तो वे पूरे देश में और बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।