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बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक की गिरफ्तारी

बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक को उनके घर से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस द्वारा की गई है। उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, और उन्हें पूछताछ के लिए मुख्यालय ले जाया गया। खैरुल हक का न्यायिक करियर और लॉ कमीशन की अध्यक्षता के बारे में भी जानकारी दी गई है। बीजेएएफ ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी, आरोप है कि उन्होंने न्यायपालिका को कमजोर किया।
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बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक की गिरफ्तारी

गिरफ्तारी की जानकारी

ढाका। गुरुवार की सुबह, बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक को उनके धनमंडी स्थित निवास से गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा (डीबी) द्वारा की गई।


गिरफ्तारी के कारण

बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र 'ढाका ट्रिब्यून' के अनुसार, डीबी के संयुक्त आयुक्त मोहम्मद नसीरुल इस्लाम ने बताया कि एबीएम खैरुल हक के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। उन्हें पूछताछ के लिए मिंटो रोड स्थित डीबी मुख्यालय ले जाया गया है। इस गिरफ्तारी के बारे में अभी अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।


खैरुल हक का न्यायिक करियर

एबीएम खैरुल हक ने 2010 में बांग्लादेश के 19वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला। वह पिछले वर्ष अनिवार्य सेवानिवृत्ति आयु 67 वर्ष पर सेवानिवृत्त हुए।


लॉ कमीशन की अध्यक्षता

उन्हें 2013 में तीन साल के लिए लॉ कमीशन का चेयरमैन नियुक्त किया गया था, और बाद में उन्हें कई बार इस पद पर पुनः नियुक्त किया गया।


बीजेएएफ की मांग

इस वर्ष अप्रैल में, बीएनपी समर्थक वकीलों के एक समूह, बांग्लादेश जातीयताबादी ऐनजीबी फोरम (बीजेएएफ) ने खैरुल हक की गिरफ्तारी और मुकदमे की मांग की थी। बीएसएस समाचार एजेंसी के अनुसार, उन पर न्यायपालिका और लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप है।


जैनुल आबेदीन का बयान

बीजेएएफ के अध्यक्ष एडवोकेट जैनुल आबेदीन ने एक बयान में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने न्यायपालिका के समर्थन से एक फासीवादी शासन स्थापित किया। उन्होंने यह भी कहा कि खैरुल हक न्यायिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक शासन के पतन के लिए जिम्मेदार हैं।