बांग्लादेश में चुनाव रोकने के संभावित परिणाम
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट
नई दिल्ली: बांग्लादेश में वर्तमान में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। एक ओर, प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है, जबकि दूसरी ओर, उनके सहयोगी यूनुस के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। जमात और बीएनपी ने यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अगले वर्ष आम चुनाव होने वाले हैं, और इस बीच अवामी लीग ने चुनावों को रोकने की चेतावनी दी है। आइए जानते हैं कि चुनाव रोकने के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं।
चुनाव रोकने के दुष्परिणाम
बांग्लादेश में चुनावों को रोकने से कई राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है, जिससे हिंसा की घटनाएं भी हो सकती हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचेगा। आर्थिक दृष्टि से भी देश को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
विदेशी निवेश पर प्रभाव
विदेशी कंपनियां और अन्य देश व्यापार के लिए निवेश करने से हिचकिचा सकते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय दबाव और सामाजिक तनाव बढ़ सकता है। यूनुस की अंतरिम सरकार ने अवामी लीग को चुनाव में भाग लेने से रोक रखा है, जिसके कारण अवामी लीग के सदस्य और शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने चुनावों को रोकने की चेतावनी दी है।
हसीना और उनके परिवार का मतदान
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के कई सदस्य अगले साल होने वाले चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे। उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद ने बताया कि जिनका एनआईडी ब्लॉक है, वे विदेश से वोट नहीं डाल सकेंगे।
मतदान की प्रक्रिया
विदेश से वोट देने के लिए एनआईडी नंबर के साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है। यदि किसी का एनआईडी ब्लॉक है, तो वे रजिस्टर नहीं कर सकते और मतदान नहीं कर पाएंगे। केवल एनआईडी के साथ रजिस्टर करने वालों को ही यह अवसर मिलेगा।
हसीना का मतदान
जब उनसे पूछा गया कि क्या शेख हसीना वोट दे पाएंगी, तो उन्होंने कहा, “वह वोट नहीं दे पाएंगी, क्योंकि उनका एनआईडी ब्लॉक कर दिया गया है।” दूसरी ओर, जुलाई चार्टर को चुनाव से पहले लागू करने को लेकर बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी पार्टी और बीएनपी ने यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गाजीपुर सीट बहाल करने को लेकर भी विभिन्न विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
