बांग्लादेश में चुनावी राजनीति: मोहम्मद यूनुस का भारत विरोधी अभियान
बांग्लादेश में चुनावी माहौल
फरवरी 2026 में बांग्लादेश में चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस भारत के खिलाफ एक राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, उनकी ये कोशिशें बार-बार विफल हो रही हैं। यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को नजरअंदाज करते हुए एक नया भारत विरोधी अभियान शुरू किया है, लेकिन इसमें भी उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा है।
भारत ने बांग्लादेश के दावों को खारिज किया
बांग्लादेश ने आरोप लगाया है कि कट्टरपंथी नेता उस्मान हादी की हत्या के संदिग्ध भारत के मेघालय में छिपे हुए हैं। इस पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इसे 'मनगढ़ंत' करार दिया है। बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि ये संदिग्ध स्थानीय लोगों की मदद से भारत में घुसे हैं, जबकि भारतीय एजेंसियां सीमा पर कड़ी निगरानी का दावा कर रही हैं।
सख्त निगरानी पर जोर
मेघालय फ्रंटियर के बीएसएफ इंस्पेक्टर जनरल ओम प्रकाश उपाध्याय ने बांग्लादेश के दावों का खंडन करते हुए कहा कि यहां उनके रहने का कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ को ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है।
मोहम्मद यूनुस की चिंता
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की 17 साल बाद वापसी ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। रहमान की वापसी के समय देश में राजनीतिक अस्थिरता और विरोध-प्रदर्शन की लहर चल रही है, जिससे मोहम्मद यूनुस और कट्टरपंथी गुटों की स्थिति कमजोर हो गई है।
तारिक रहमान का महत्व
भारत सरकार की नजरें बांग्लादेशी नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के तारिक रहमान पर हैं। उनकी मौजूदगी से बांग्लादेश में एक ऐसी सरकार का गठन संभव है, जिसे जनता ने चुना हो। यह भारत के लिए भी एक महत्वपूर्ण समीकरण है।
बांग्लादेश में तनाव का माहौल
भारत विरोधी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है। हादी की हत्या के बाद ढाका और अन्य शहरों में हिंसा भड़क उठी है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इस मामले को भारत पर डालकर जनता की सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही है।
यूनुस सरकार की स्थिति
हाल ही में भारत के पूर्व रॉ एजेंट लकी बिष्ट ने एक चौंकाने वाला दावा किया है कि जमात-ए-इस्लामी यूनुस खान और आईएसआई किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए अपने ही नेता को मरवा देते हैं और नफरत फैलाते हैं।
