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बांग्लादेश में छात्र नेता आलम अपू की गिरफ्तारी से राजनीतिक हलचल

बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ आया है जब छात्र नेता आलम अपू को गिरफ्तार किया गया। वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर चुका है। उसकी गिरफ्तारी वसूली के आरोप में हुई है, और इसके साथ ही उसके पांच अन्य सहयोगियों को भी पकड़ा गया है। स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) ने इस गिरफ्तारी के बाद अपने नेताओं को संगठन से निष्कासित कर दिया। जानें इस घटनाक्रम का राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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बांग्लादेश में छात्र नेता आलम अपू की गिरफ्तारी से राजनीतिक हलचल

बांग्लादेश की राजनीति में नया मोड़

बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति: बांग्लादेश की राजनीति में हाल ही में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है, जब छात्र नेता आलम अपू को गिरफ्तार किया गया। यह नेता पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश पुलिस ने 5 अगस्त 2024 को हसीना के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले आलम अपू को शुक्रवार को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने बताया कि आलम अपू को वसूली के आरोप में पकड़ा गया है। उसे शुक्रवार की सुबह वारी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में उसके पांच अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया, जिनमें स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) के दो प्रमुख नेता शामिल हैं। आलम अपू की गिरफ्तारी उन नेताओं की गिरफ्तारी के लगभग एक सप्ताह बाद हुई है। चार अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों को रिमांड पर लिया गया है, जबकि एक नाबालिग को गाजीपुर के किशोर सुधार केंद्र भेजा गया है।

स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) ने पिछले वर्ष उस जन आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। इस गिरफ्तारी के बाद, SAD ने तुरंत इन नेताओं को संगठन से निष्कासित कर दिया और अपनी सभी इकाइयों को भंग कर दिया। मुन्ना SAD के ढाका शहर के संयोजक थे, जबकि रियाद SAD के प्राइवेट यूनिवर्सिटीज कमेटी के संयोजक थे।