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बांग्लादेश में तारिक रहमान की श्रद्धांजलि और बढ़ते विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में तारिक रहमान ने इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की कब्र पर श्रद्धांजलि दी। हादी की हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। प्रदर्शनकारी न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने निष्पक्ष चुनाव की अपील की है। जानें इस संकट के पीछे की कहानी और आगे की संभावनाएं।
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बांग्लादेश में तारिक रहमान की श्रद्धांजलि और बढ़ते विरोध प्रदर्शन

तारिक रहमान का श्रद्धांजलि कार्यक्रम

नई दिल्ली। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान (Tariq Rahman) ने आज ढाका विश्वविद्यालय (Dhaka University) में इंकलाब मंच (Inqilab Manch) के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी (Sharif Usman Hadi) की कब्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की। हादी की इस महीने ढाका के पलटन क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इंकलाब मंच के नेताओं ने रहमान से अनुरोध किया है कि वे राजनीतिक प्रभाव का उपयोग कर हादी की हत्या में शामिल व्यक्तियों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।


बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति

बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए चिंताजनक है। शेख हसीना (Sheikh Hasina) के देश छोड़ने के बाद से हालात बिगड़ गए हैं। मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के अंतरिम सरकार संभालने के बाद से अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की स्थिति में गिरावट आई है। तारिक रहमान 17 साल के निर्वासन के बाद लौटे हैं, और देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन, अल्पसंख्यकों पर हमले और मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। हाल ही में कट्टरपंथी छात्र नेता उस्मान शरीफ हादी की हत्या ने स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर हिंसा और आगजनी की है।


संयुक्त राष्ट्र की चिंता

इन घटनाओं ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सामने बड़ी चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। शेख हसीना सरकार के खिलाफ उग्र छात्र आंदोलनों के समर्थन से सत्ता में आई यह सरकार अब उसी उग्रता को नियंत्रित करने में कठिनाई महसूस कर रही है। ढाका सहित कई शहरों में कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता व्यक्त की है और अंतरिम सरकार से निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और दो मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने भारत में भी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जहां कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।


इंकलाब मंच का आंदोलन

इंकलाब मंच ने घोषणा की है कि शरीफ उस्मान हादी की हत्या के दोषियों को न्याय दिलाने तक शाहबाग चौराहे पर उनका धरना जारी रहेगा। मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने कहा कि राज्य न्याय सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रहा है। उन्होंने कहा कि हमने काफी संयम दिखाया है, लेकिन क्या राज्य को हमारी परवाह है? हमें न्याय दिलाने के लिए अब तक क्या किया गया है?