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बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा: भारत की सुरक्षा रणनीति और कूटनीतिक कदम

बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच भारत ने सुरक्षा और कूटनीतिक कदम उठाए हैं। भारतीय और बांग्लादेशी सेना प्रमुखों के बीच निरंतर संवाद हो रहा है, जबकि हालात और बिगड़ने के संकेत मिल रहे हैं। शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश में हिंसा भड़क गई है, जिससे कई शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं। भारत ने बांग्लादेशी उच्चायुक्त को तलब कर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक।
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बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा: भारत की सुरक्षा रणनीति और कूटनीतिक कदम

भारत की सतर्कता amid बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता


नई दिल्ली: बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, भारत ने स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी सुरक्षा और कूटनीतिक गतिविधियों को तेज कर दिया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना किया जा सके, भारत ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार, भारतीय और बांग्लादेशी सेना के प्रमुखों के बीच लगातार संवाद हो रहा है, जिससे जमीनी हालात पर नजर रखी जा रही है।


सेना प्रमुखों के बीच निरंतर संवाद

सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना के प्रमुख और बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान के बीच नियमित बातचीत हो रही है। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना है। जनरल वाकर ने भारतीय सेना प्रमुख को आश्वस्त किया है कि बांग्लादेश में सभी भारतीय मिशन और नागरिक सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा तनाव के बावजूद, बांग्लादेश की सेना स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबद्ध है।


शरीफ उस्मान हादी की मौत से बिगड़े हालात

बांग्लादेश में स्थिति उस समय और गंभीर हो गई जब भारत विरोधी कट्टरपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या कर दी गई। हादी को ढाका में गोली मारी गई थी और बाद में उन्हें सिंगापुर में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। हादी जुलाई विद्रोह का एक प्रमुख चेहरा था और उसकी मौत के बाद समर्थकों में आक्रोश फैल गया, जिससे कई शहरों में हिंसक घटनाएं शुरू हो गईं।


अखबारों और सांस्कृतिक संस्थानों पर हमले

हादी की मौत के बाद ढाका और अन्य क्षेत्रों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ गईं। राजधानी ढाका में प्रमुख समाचार पत्रों 'प्रथोम आलो' और 'द डेली स्टार' के कार्यालयों को निशाना बनाया गया। इसके अलावा, वामपंथी सांस्कृतिक संगठन उदीची शिल्पीगोष्ठी के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई। कई स्थानों पर पत्थरबाजी और आगजनी ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।


मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत

हिंसा का एक और दुखद पहलू तब सामने आया जब लक्ष्मीपुर सदर उपजिला में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के एक नेता के घर में आग लगा दी गई, जिसमें नेता की 7 साल की बेटी की जलकर मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और हिंसा की भयावहता को उजागर किया।


अल्पसंख्यकों पर हमलों से भारत चिंतित

इन घटनाओं का असर भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी पड़ रहा है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद, भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। हाल ही में एक हिंदू युवक को ईशनिंदा के आरोप में पीटा गया और फिर पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया गया। बाद में पता चला कि आरोप झूठे थे। पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं।


बांग्लादेशी उच्चायुक्त को तलब

इन हालात को देखते हुए, भारत ने कड़ा कूटनीतिक रुख अपनाया है। नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद रियाज हमीदुल्लाह को तलब कर भारत ने अपना विरोध दर्ज कराया है। भारत ने ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग को मिल रही धमकियों और बांग्लादेशी नेताओं के भारत विरोधी बयानों पर गंभीर चिंता जताई है।


भारत का स्पष्ट संदेश

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत बांग्लादेश में शांति और स्थिरता का समर्थन करता है, लेकिन अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह भारतीय मिशनों, नागरिकों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। भारत स्थिति पर नजर रखे हुए है और आवश्यकता पड़ने पर हर आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है।