बांग्लादेश में विमान दुर्घटना के बाद भारत के प्रति मोहम्मद यूनुस का नया दृष्टिकोण

ढाका विमान दुर्घटना: भारत-बांग्लादेश संबंधों में बदलाव
ढाका विमान दुर्घटना: बांग्लादेश और भारत के बीच संबंध आजादी के बाद से अच्छे रहे हैं, लेकिन हाल के समय में शेख हसीना के जाने और मोहम्मद यूनुस के आने के बाद से तनाव बढ़ गया है। यूनुस प्रशासन के तहत बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों में वृद्धि हुई है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा है। हालांकि, हाल ही में यूनुस के बयानों में बदलाव देखने को मिला है।
रविवार को, उन्होंने भारत, चीन और सिंगापुर से आए चिकित्सा विशेषज्ञों की 21 सदस्यीय टीम का आभार व्यक्त किया। यह टीम 21 जुलाई को ढाका के माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज में हुई विमान दुर्घटना के पीड़ितों के इलाज में जुटी हुई है। यूनुस ने जमुना स्टेट गेस्ट हाउस में इन डॉक्टरों और नर्सों से मुलाकात की और उनकी सहायता की सराहना की।
वायु सेना का विमान दुर्घटना
21 जुलाई को, बांग्लादेश की राजधानी ढाका के उत्तरा क्षेत्र में तकनीकी खराबी के कारण बांग्लादेश वायुसेना का एक F-7 BGI प्रशिक्षण विमान माइलस्टोन स्कूल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 32 लोगों की जान गई, जिनमें 26 बच्चे शामिल थे। इसके अलावा, 170 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें अधिकांश छात्र हैं।
मोहम्मद यूनुस का बयान
भारत द्वारा भेजी गई सहायता के बाद, मोहम्मद यूनुस ने कहा कि ये टीमें न केवल अपनी विशेषज्ञता के साथ, बल्कि दिल से आई हैं। उन्होंने भविष्य में चिकित्सा शिक्षा और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग की अपील की। स्वास्थ्य सलाहकार नूरजहाँ बेगम और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी के निदेशक प्रोफेसर नसीउद्दीन ने कहा कि विदेशी डॉक्टरों की तात्कालिक मदद से कई लोगों की जान बचाई गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने दुर्घटना के बाद बांग्लादेश को त्वरित सहायता का आश्वासन दिया था। भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश सरकार से संपर्क किया और गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए भारत में इलाज की पेशकश की। मोहम्मद यूनुस ने भारत की इस मानवीय सहायता को क्षेत्रीय एकता का प्रतीक बताया।