बाघुल नदी पुल के पास मिली नवजात बच्ची: जानबूझकर दफनाने का मामला

रविवार को मिली नवजात बच्ची
राष्ट्रीय समाचार: रविवार को बाघुल नदी पुल के निकट एक चरवाहे ने बकरियां चरा रहे समय अचानक धीमी आवाजें सुनीं। जब वह पास गया, तो उसने देखा कि मिट्टी में एक नन्हा हाथ बाहर निकला हुआ था। हाथ खून से सना हुआ था और चींटियों ने उसे काट रखा था। बच्ची बेहद कमजोर स्थिति में कांप रही थी। चरवाहे डब्लू ने तुरंत शोर मचाया, जिससे गांव वाले इकट्ठा हो गए। सभी ने मिलकर पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची और मिट्टी को सावधानी से हटाया। बच्ची का पूरा शरीर मिट्टी में दबा हुआ था और उसकी स्थिति गंभीर थी।
स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार
बच्ची को पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की उम्र लगभग 10 से 15 दिन है और उसका शरीर बहुत कमजोर हो गया है।
हाथ पर गंभीर चोटें
डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि बच्ची के हाथ को चींटियों ने बुरी तरह काटा था, जिससे खून बह रहा था। बच्ची का शरीर पूरी तरह कीचड़ से सना हुआ था। उसे तुरंत नवजात गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया है। फिलहाल उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
जानबूझकर किया गया अपराध
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि बच्ची को लगभग एक फुट गहराई में दफनाया गया था। मिट्टी में सांस लेने के लिए थोड़ा सा स्थान छोड़ा गया था। पुलिस का मानना है कि बच्ची को जानबूझकर यहां छोड़ दिया गया ताकि उसकी मौत हो जाए।
सीसीटीवी फुटेज की जांच
पुलिस अब बाघुल नदी रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है। उनका प्रयास है कि उन लोगों को पकड़ा जाए जिन्होंने इस निर्दयीता के साथ मासूम को जिंदा दफनाया। पुलिस ने कहा कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
समाज को झकझोरने वाली घटना
यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि कोई व्यक्ति एक मासूम के साथ इतना अमानवीय व्यवहार कैसे कर सकता है। बच्ची की जिंदगी अब डॉक्टरों पर निर्भर है और पूरे गांव के लोग उसकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।