बासमती धान की फसल कीटों से बचाने के उपाय

बासमती धान: एक अनोखी फसल
बासमती चावल अपनी लंबी और पतली दानेदार संरचना, अद्वितीय सुगंध और बेहतरीन स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। यह चावल मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान में उगाया जाता है। इसके कई प्रकार हैं, जैसे पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1509, और पूसा बासमती 1718, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएँ और उत्पादन क्षमता है।
कीटों से फसल की सुरक्षा
जब बासमती धान की बालियां निकलने लगती हैं, तो तेला कीट और तनाव छेदक जैसे कीटों से बचाव के लिए हल्की सिंचाई के साथ कीटनाशकों का उपयोग करना आवश्यक है। इमामेक्टिन बेंजोएट या कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करें, और साइपरमेथ्रिन को खेत की सीमाओं पर स्प्रे करें ताकि कीटों का फैलाव रोका जा सके। रासायनिक दवाओं का उपयोग करने से पहले जैविक उपचार भी आजमाए जा सकते हैं।
कीटनाशकों का उपयोग
- इमामेक्टिन बेंजोएट: एक एकड़ फसल के लिए 150 ग्राम इमामेक्टिन बेंजोएट को 125-130 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड: एक एकड़ फसल के लिए 250 ग्राम कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड को 125-130 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- साइपरमेथ्रिन: प्रकोप वाले खेत की सीमाओं पर छिड़काव करें ताकि कीट एक खेत से दूसरे खेत में न जा सकें।
जैविक नियंत्रण के उपाय
- शाम के समय हल्की सिंचाई करें और सुबह अतिरिक्त पानी खेत से बाहर निकाल दें।
- खेत को खरपतवारों से मुक्त रखें।
- एसिटामिप्रिड 20% एसपी: 20-40 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें।
- इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसपी: 40-50 मिलीलीटर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
- बुप्रोफेजीन + फिप्रोनिल: 300 मिलीलीटर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
सावधानियों का ध्यान रखें
- कीटनाशकों का छिड़काव सुबह जल्दी या शाम को सूरज ढलने के बाद करना चाहिए।
- नियमित रूप से फसल का निरीक्षण करें ताकि कीटों का प्रकोप जल्दी पता चल सके।
- बालियां निकलने से 10 दिन पहले कीटनाशकों का छिड़काव करना प्रभावी होता है।
प्रमुख बासमती किस्में
बासमती धान की कई किस्में उपलब्ध हैं, जैसे पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1847, देहरादून बासमती, तरावड़ी बासमती, और कस्तूरी। ये किस्में अपनी सुगंध, लंबे दाने और अच्छी पैदावार के लिए जानी जाती हैं, और किसानों को उनकी फसल के समय के अनुसार विभिन्न विकल्प मिलते हैं।