बिक्रम मजीठिया को नाभा जेल में भेजा गया, रिमांड समाप्त

आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तारी
26 जून को हुई थी गिरफ्तारी
पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम जीत सिंह मजीठिया को अब एक बार फिर जेल में रहना होगा। इससे पहले, वे एक बड़े ड्रग मामले में लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं। इस बार उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में नाभा जेल भेजा गया है। विजिलेंस टीम ने उन्हें 26 जून को अमृतसर स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था, और तब से वे विजिलेंस के रिमांड पर थे।
अदालत ने भेजा जेल
अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को रविवार को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली की अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में नाभा जेल भेजने का आदेश दिया। मजीठिया विजिलेंस के चार दिन के अतिरिक्त रिमांड पर थे। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी। मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद शिरोमणि अकाली दल के नेता और कार्यकर्ता मोहाली कोर्ट के बाहर एकत्रित हुए और प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
शिअद का तख्त श्री पटना साहिब के आदेश का विरोध
तख्त श्री पटना साहिब ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल को तनखइया घोषित किया है, जिसका शिअद ने विरोध किया है। शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा कि यह निर्णय सिख परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि तख्त श्री पटना साहिब के पंज प्यारों को इस तरह का अधिकार नहीं है।
सरना ने यह भी कहा कि पहले भी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा लिए गए निर्णय बिना किसी आधार के सिख विरोधी ताकतों के इशारे पर किए गए थे। उन्होंने कहा कि सांझे राष्ट्रीय मुद्दों पर केवल श्री अकाल तख्त साहिब से ही आदेश दिया जा सकता है।