Newzfatafatlogo

बिजनौर अस्पताल में सफाई कर्मी के साथ अमानवीय व्यवहार, प्रशासन ने शुरू की जांच

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक सरकारी अस्पताल में घायल सफाई कर्मी के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। सफाई कर्मी को कूड़ा ढोने वाली ऑटो रिक्शा के पलटने से चोट लगी थी, लेकिन अस्पताल में उसे अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दिया है। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठाए हैं।
 | 
बिजनौर अस्पताल में सफाई कर्मी के साथ अमानवीय व्यवहार, प्रशासन ने शुरू की जांच

बिजनौर में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का मामला

उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के किरतपुर स्थित एक सरकारी अस्पताल में एक घायल सफाई कर्मी के साथ हुए अमानवीय व्यवहार ने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को उजागर किया है। यह सफाई कर्मी कूड़ा ढोने वाली ऑटो रिक्शा के पलटने से घायल हुआ था, और अस्पताल में इलाज के दौरान उसे अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दिया है।


किरतपुर नगर पालिका में कार्यरत सफाई कर्मी गंभीर रूप से घायल होने के बाद तुरंत सरकारी अस्पताल लाया गया। हालांकि, अस्पताल के स्टाफ ने मशीन में खराबी का बहाना बनाकर उसका एक्स-रे करने से मना कर दिया। जब घायल कर्मी के साथी बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे और एक्स-रे की मांग की, तो स्टाफ ने उसे टेबल पर लिटाने के बजाय जमीन पर लिटाकर एक्स-रे किया। इस अमानवीय कृत्य का वीडियो एक साथी ने बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि घायल कर्मी को फर्श पर लिटाकर उसका एक्स-रे किया गया।



छुआछूत का गंभीर आरोप


वायरल वीडियो में सफाई कर्मी के साथी ने अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों पर छुआछूत का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि घायल कर्मी को जानबूझकर अपमानित किया गया और उसके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया। बीजेपी नेता सुभाष वाल्मिकी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए डॉक्टरों और एक्स-रे टेक्नीशियन पर छुआछूत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।


टेक्नीशियन का बचाव


एक्स-रे टेक्नीशियन ने अपने बचाव में कहा, “सफाई कर्मी के कपड़ों से तेज दुर्गंध आ रही थी, जो कमरे और टेबल पर फैल सकती थी। इससे अन्य मरीजों और स्टाफ को परेशानी हो सकती थी। इसलिए उसे टेबल की बजाय जमीन पर लिटाकर एक्स-रे किया गया।”


प्रशासन ने दिए जांच के आदेश


वायरल वीडियो के बाद बिजनौर की डीएम जसजीत कौर ने मामले को गंभीरता से लिया और बिजनौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कौशलेन्द्र सिंह को जांच के आदेश दिए। डीएम ने जिले के सभी अस्पतालों को पत्र लिखकर मरीजों के साथ संवेदनशील और सम्मानजनक व्यवहार करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा, “मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करना अनिवार्य है।”