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बिलावल भुट्टो का नया रुख: भारत के साथ शांति की ओर बढ़ने का प्रस्ताव

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के साथ शांति और सहयोग की दिशा में एक नया रुख अपनाया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जहां उन्होंने पहले युद्ध की धमकी दी थी, अब उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का प्रस्ताव रखा है। इस्लामाबाद में आयोजित एक सम्मेलन में, उन्होंने भारत के साथ ऐतिहासिक साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें, बिलावल के इस यू-टर्न का क्या मतलब है और भारत का इस पर क्या रुख है।
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बिलावल भुट्टो का नया रुख: भारत के साथ शांति की ओर बढ़ने का प्रस्ताव

भारत-पाकिस्तान संबंधों में बदलाव

भारत-पाकिस्तान संबंध: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने हाल ही में भारत के प्रति अपनी कड़ी बयानबाजी में बदलाव किया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जहां उन्होंने पहले सिंधु जल संधि को लेकर युद्ध की धमकी दी थी, अब उन्होंने शांति और सहयोग की बात की है। इस्लामाबाद में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में, बिलावल ने भारत के साथ ऐतिहासिक साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का प्रस्ताव रखा।


पहलगाम हमले के बाद का तनाव

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इस घटना के बाद, भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें सैकड़ों आतंकवादी मारे गए। भारत ने स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर नियंत्रण नहीं करेगा, तब तक बातचीत संभव नहीं है।


बिलावल का नया शांति प्रस्ताव

बिलावल का शांति का नया तरकीब

पहलगाम हमले के बाद, बिलावल ने पहले कहा था, “सिंधु में पानी बहेगा या उनका खून बहेगा,” लेकिन अब उन्होंने अपने रुख में नरमी दिखाई है। उन्होंने कहा, “आइए हम अपनी साझा परंपराओं की ओर लौटें, जो नफरत पर आधारित नहीं हैं, बल्कि सिंधु घाटी सभ्यता की प्राचीन मिट्टी पर आधारित हैं। हाथ बढ़ाना कमजोरी नहीं है, यह समझदारी है। आतंकवाद एक वैश्विक संकट है जिसे स्थायी भविष्य के लिए हराने की जरूरत है।” इस्लामाबाद सम्मेलन में, बिलावल ने भारत के साथ “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व साझेदारी” की बात की।


पाकिस्तान को आतंकवाद से नुकसान

पाकिस्तान का आतंकवाद से नुकसान

बिलावल ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है और इसके कारण उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में पाकिस्तान के लिए सबसे हिंसक वर्ष रहा, जिसमें कई सुरक्षाकर्मी मारे गए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अल कायदा, दाएश (ISIS) और टीटीपी जैसे संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन ज़र्ब-ए-अज़ब और रद्दुल फसाद जैसे अभियानों के जरिए आतंकवाद को समाप्त करने की कोशिश की है।


भारत का कड़ा रुख

भारत का कड़ा रुख

भारत ने बिलावल के इस यू-टर्न पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि “बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।” भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ अपनी “जीरो टॉलरेंस” नीति को और मजबूत किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि सिंधु जल समझौता अब कभी बहाल नहीं होगा। भारत ने यह भी घोषणा की है कि भविष्य में हर आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।