बिहार की राजनीति में नया मोड़: डॉ. सुनील कुमार सिंह ने वीआईपी जॉइन की

बिहार की सियासत में नया बदलाव
बिहार की राजनीतिक स्थिति में एक बार फिर से बदलाव देखने को मिला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उनके पूर्व प्रवक्ता और बिहार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के उपाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का हाथ थाम लिया। यह घटना शुक्रवार, 6 जून 2025 को पटना के एक होटल में आयोजित एक मिलन समारोह के दौरान हुई, जहां डॉ. सुनील कुमार सिंह के साथ कई चिकित्सकों और अन्य व्यक्तियों ने वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की।
वीआईपी में शामिल होने का निर्णय
इस समारोह में वीआईपी के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने नए सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया। डॉ. सुनील कुमार सिंह ने वीआईपी में शामिल होने के अपने निर्णय को एक नई शुरुआत के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की समावेशी और विकासोन्मुखी नीतियों से प्रभावित हैं और अब वह इस मंच के माध्यम से बिहार के लोगों की सेवा करना चाहते हैं।
मुकेश सहनी का स्वागत भाषण
मिलन समारोह में मुकेश सहनी ने अपने संबोधन में कहा, "आज वीआईपी के प्रति सभी जातियों, वर्गों और समुदायों का आकर्षण बढ़ रहा है। यह हमारी पार्टी की लोकप्रियता और स्वीकार्यता का प्रमाण है।" उन्होंने यह भी बताया कि प्रबुद्ध वर्ग, जैसे चिकित्सक और शिक्षित लोग, वीआईपी की नीतियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सहनी ने इसे पार्टी के लिए गर्व का विषय बताया और कहा कि उनकी पार्टी बिहार के विकास और सामाजिक समरसता के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. सुनील कुमार सिंह का योगदान
मुकेश सहनी ने यह भी कहा कि वीआईपी एक ऐसी पार्टी है जो समाज के हर तबके को साथ लेकर चलती है। डॉ. सुनील कुमार सिंह जैसे अनुभवी और सम्मानित व्यक्तियों का पार्टी में शामिल होना एक सकारात्मक संकेत है और इसे बिहार की जनता के लिए नई उम्मीद का प्रतीक माना गया। डॉ. सुनील कुमार सिंह जेडीयू के एक प्रमुख चेहरा रहे हैं, जो अपनी बेबाक राय और तर्कपूर्ण तरीके से मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते थे।