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बिहार के विधायक रीतलाल यादव ने इच्छा मृत्यु की मांग की

बिहार के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने पटना सिविल कोर्ट में इच्छा मृत्यु की मांग की है, जिससे राज्य में हलचल मच गई है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि उन पर लगातार केस लगाए जा रहे हैं और उन्होंने बेउर जेल में स्थानांतरित करने की भी मांग की। उनकी पत्नी ने एनकाउंटर की साजिश का आरोप लगाया है, जिसके बाद पुलिस ने भी पलटवार किया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और रीतलाल यादव पर लगे आरोपों के बारे में।
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बिहार के विधायक रीतलाल यादव ने इच्छा मृत्यु की मांग की

बिहार के बाहुबली विधायक की मांग

बिहार के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने 30 जुलाई को पटना सिविल कोर्ट में इच्छा मृत्यु की याचिका दायर की है। इस मांग ने पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना दिया है। रीतलाल यादव आरजेडी से विधायक हैं। उन्हें हाल ही में भागलपुर सेंट्रल जेल से पेशी के लिए कोर्ट लाया गया था।


विधायक ने बताई यह वजह

कोर्ट में रीतलाल यादव ने जज से कहा कि, "मुझे इच्छा मृत्यु चाहिए। मेरे ऊपर लगातार केस लगाए जा रहे हैं।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि उन्हें भागलपुर जेल से बेउर जेल में स्थानांतरित किया जाए।


पत्नी ने जताया था एनकाउंटर का डर

हाल ही में, रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू कुमारी ने आरोप लगाया था कि उनके पति की पेशी के दौरान एनकाउंटर की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर इस साजिश का आरोप लगाया था। पुलिस मुख्यालय ने इस पर पलटवार करते हुए रिंकू कुमारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


पुलिस ने रिंकू पर कार्रवाई की थी मांग

पुलिस मुख्यालय ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कहा है कि रिंकू कुमारी, जो जुलाई 2006 से पटना में शिक्षिका हैं, सरकारी सेवा में रहते हुए व्यावसायिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। इस कारण उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है, लेकिन शिक्षा विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।


विधायक रीतलाल पर संगीन आरोप

17 अप्रैल को रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में रंगदारी के मामले में सरेंडर किया था। उन पर एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है। 11 फरवरी को पुलिस ने उनके 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10.5 लाख रुपये नकद और 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक बरामद हुए थे।


1 मई को बदली थी जेल

रीतलाल यादव को पहले बेउर जेल में रखा गया था, लेकिन 1 मई को उन्हें भागलपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने कथित हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए अनशन शुरू कर दिया था।