बिहार चुनाव 2025: आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का राजनीति में प्रवेश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी
बिहार चुनाव 2025: बिहार में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है, और चुनाव आयोग इसकी घोषणा किसी भी समय कर सकता है। इस बीच, एसआईआर प्रक्रिया के पूरा होने में केवल चार दिन बचे हैं। इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच पहले से ही टकराव चल रहा है। इसी क्रम में, चर्चित आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव डॉ. के एस सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए आवेदन किया है। यदि सरकार उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लेती है, तो उन्हें रिटायर माना जाएगा।
सिद्धार्थ का राजनीतिक भविष्य
यह ध्यान देने योग्य है कि सिद्धार्थ 30 नवंबर 2025 को रिटायर होने वाले थे। 1991 बैच के आईएएस अधिकारी होने के साथ-साथ वे एक प्रशिक्षित पायलट भी हैं। उनके इस्तीफे के बाद, उनके चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, सिद्धार्थ जेडीयू के टिकट पर नवादा से चुनाव लड़ सकते हैं। हाल ही में, उन्होंने नवादा का दौरा भी किया था। इससे पहले, मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी दिनेश राय ने भी इस्तीफा दिया था, और उनके चुनाव लड़ने की चर्चा भी हो रही है।
अन्य पूर्व अधिकारियों की राजनीतिक यात्रा
गुप्तेश्वर पांडे
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस लिया था। उन्होंने अपने कार्यकाल के समाप्त होने से कुछ महीने पहले ही वीआरएस लिया और जेडीयू में शामिल हो गए। हालांकि, चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने अध्यात्म का मार्ग चुना।

गुप्तेश्वर पांडे
शिवदीप लांडे
पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे ने हिंद सेना नामक पार्टी का गठन किया है और वे विधानसभा चुनाव 2025 में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस संबंध में, वे बिहार की जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

शिवदीप लांडे
आशीष रंजन
पूर्व डीजीपी आशीष रंजन ने भी संसद में जाने की इच्छा जताई थी। उन्हें उम्मीद थी कि वे जेडीयू से टिकट लेकर लोकसभा पहुंच जाएंगे, लेकिन उन्हें कोई प्रस्ताव नहीं मिला। इसके बाद, उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर नालंदा लोकसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
डीपी ओझा
पूर्व डीजीपी डीपी ओझा भी शहाबुद्दीन के कारण चर्चा में आए थे। उन्होंने बेगूसराय से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

डीपी ओझा
डॉ. जेपी सिंह
बिहार के निवासी और हिमाचल कैडर के पूर्व एडीजीपी जयप्रकाश सिंह ने भी वीआरएस लेकर चुनावी मैदान में कदम रखा है। हाल ही में, उन्होंने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में शामिल हुए हैं।

डॉ. जेपी सिंह