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बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप

बिहार के RJD नेता तेजस्वी यादव पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप लगा है, जिसके चलते चुनाव आयोग ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले ने यह सवाल उठाया है कि क्या किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक वोटर कार्ड होना कानूनी है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और इसके लिए क्या सजा निर्धारित है। इसके अलावा, आधार और पैन कार्ड के नियमों पर भी चर्चा की गई है।
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बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप

बिहार चुनावों में विवाद

Bihar Elections 2025: हाल ही में बिहार के RJD नेता तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट से अपने नाम के कटने का दावा किया, जिसके बाद उन पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप लगा है। चुनाव आयोग ने इस मामले में उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। इस घटना ने लोगों के बीच यह सवाल उठाया है कि किसी व्यक्ति के पास दो वोटर कार्ड कैसे हो सकते हैं और इसके लिए क्या सजा निर्धारित है?


वास्तव में, वोटर कार्ड, जिसे मतदाता पहचान पत्र भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और इसका एक से अधिक होना अवैध माना जाता है। कई बार लोग जब अपने राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होते हैं, तो वहां भी अपना वोटर कार्ड बनवा लेते हैं, जिससे उनके पास दो EPIC नंबर हो जाते हैं। ऐसा करना कानून के खिलाफ है और यदि पकड़े जाते हैं, तो एक साल तक की जेल और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।


वोटर कार्ड के अलावा, आधार कार्ड के मामले में भी सख्त कानून हैं। किसी व्यक्ति के पास दो आधार कार्ड होना या किसी और का आधार कार्ड उपयोग करना भी अपराध है। ऐसा करने पर तीन साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। चूंकि आधार कार्ड बायोमेट्रिक्स से जुड़ा होता है, इसलिए फर्जी आधार बनाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन फिर भी गलत उपयोग के मामले सामने आते हैं।


पैन कार्ड के नियम

ने पैन 2.0 योजना शुरू


पैन कार्ड के मामले में भी कड़े नियम लागू हैं। भारतीय आयकर अधिनियम के अनुसार, किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक पैन कार्ड होना मना है। यदि ऐसा पाया जाता है, तो 10,000 रुपये तक का जुर्माना और कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। सरकार ने पैन 2.0 योजना शुरू की है, जिससे डुप्लीकेट पैन कार्ड रखने वालों को जल्दी पकड़ा जाएगा।


इसलिए, यदि आपके पास दो वोटर कार्ड, दो आधार कार्ड या दो पैन कार्ड हैं, तो जल्द से जल्द एक को सही प्रक्रिया से सरेंडर कर दें। अन्यथा, भारी जुर्माना और जेल का खतरा बना रहेगा। ऐसे दस्तावेजों का दोहराव कानून की नजर में अपराध है और इससे चुनावी और टैक्स से जुड़े नियमों की साख भी कमजोर होती है।