Newzfatafatlogo

बिहार चुनाव 2025: राजद विधायकों के खिलाफ बढ़ता विरोध, क्या टिकट मिलेगा?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच राजद के विधायकों के खिलाफ बढ़ते विरोध की खबरें सामने आ रही हैं। मधेपुरा और मखदुमपुर के विधायकों को कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विधायक ने अपने क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नहीं किया। राजद प्रवक्ता ने इसे सामान्य घटना बताया है, लेकिन यह असंतोष आगामी चुनावों में पार्टी के लिए चुनौती बन सकता है। क्या यह विरोध चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा? जानिए पूरी कहानी में।
 | 
बिहार चुनाव 2025: राजद विधायकों के खिलाफ बढ़ता विरोध, क्या टिकट मिलेगा?

बिहार चुनाव की तैयारी में राजद को विरोध का सामना

Bihar elections 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजद के कई मौजूदा विधायकों को अपने क्षेत्रों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मधेपुरा सदर के विधायक प्रो. चंद्रशेखर के बाद अब मखदुमपुर के विधायक सतीश कुमार के खिलाफ नाराजगी बढ़ गई है। सैकड़ों राजद कार्यकर्ता पटना में लालू-राबड़ी के निवास पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं और विधायक को दोबारा टिकट न देने की मांग कर रहे हैं.


विकास कार्यों की कमी पर नाराजगी


कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सतीश कुमार ने अपने क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किया और जनता की समस्याओं को अनदेखा किया। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी और हंगामा हुआ, जिससे सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन तनाव तब तक बढ़ता रहा जब तक स्थिति को शांत नहीं किया गया.


राजद प्रवक्ता का बयान


राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने इस घटना को सामान्य बताया और कहा कि पार्टी के किसी नेता के खिलाफ कोई बड़ा हंगामा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि समर्थक टिकट की उम्मीद में एकत्रित हुए होंगे और यह चुनावी प्रक्रिया का एक हिस्सा है। बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द ही हो सकता है, क्योंकि चुनाव आयोग की टीम दो दिन के दौरे पर बिहार में है.


अन्य दलों के विधायकों पर भी विरोध


राजद के विधायकों के अलावा अन्य दलों के विधायकों को भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मुजफ्फरपुर के सकटा से जेडीयू विधायक अशोक चौधरी के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए हैं। क्षेत्रीय जनता का आरोप है कि विधायक अपने क्षेत्र में नहीं आते और जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करते। इस प्रकार चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में अंदरूनी असंतोष और विरोध की खबरें बढ़ रही हैं, जो आगामी चुनाव की जटिलताओं को दर्शाती हैं.


विरोध चुनावी चुनौती


यह विरोध और असंतोष आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टियों के लिए चुनौती साबित हो सकता है, खासकर जब टिकट वितरण और उम्मीदवारों के चयन का दौर शुरू हो चुका है। बिहार का राजनीतिक माहौल इस समय काफी गर्म और तनावपूर्ण है, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी नेतृत्व के लिए गंभीर संकेत है.