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बिहार चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू, सरकारी सुविधाओं का उपयोग प्रतिबंधित

बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, जिसमें सरकारी सुविधाओं का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। सभी दलों को चुनावी प्रचार में सरकारी संसाधनों के उपयोग से बचने और भड़काऊ बयानों पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए गए हैं। जानें इस आचार संहिता के अन्य महत्वपूर्ण नियम और प्रतिबंध।
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बिहार चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू, सरकारी सुविधाओं का उपयोग प्रतिबंधित

बिहार चुनाव की तारीख का ऐलान

बिहार में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है, जिसके चलते राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। चुनाव की तारीख के साथ ही आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से हों, इसका पालन करना अनिवार्य है। एमसीसी के नियमों के अनुसार, कोई भी मंत्री सरकारी सुविधाओं का उपयोग नहीं कर सकेगा, जिसमें हेलीकाप्टर और सरकारी वाहन शामिल हैं। केवल निजी या किराए के वाहनों का उपयोग किया जा सकेगा, जो चुनावी खर्च में शामिल होंगे।


सरकारी वेबसाइट से फोटो हटाने की प्रक्रिया

सरकारी वेबसाइट से नेताओं की तस्वीरें 8 घंटे के भीतर हटा दी जाएंगी। संपत्ति को नुकसान पहुँचाने (जैसे दीवारों पर लेखन, पोस्टर, बैनर) पर प्रतिबंध रहेगा। बिहार में 'बिहार प्रिवेंशन आफ डिफेसमेंट आफ प्रापर्टी एक्ट, 1985' के तहत सरकारी या सार्वजनिक स्थानों से 24-48 घंटे में सामग्री हटाना अनिवार्य है। एमसीसी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ प्रभावी हो जाती है और परिणामों की घोषणा तक लागू रहती है। नई योजनाओं पर रोक रहेगी और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा। विज्ञापनों के लिए पूर्व प्रमाणीकरण आवश्यक होगा और बिना अनुमति के प्रसारण या प्रकाशन पर रोक रहेगी।


भड़काऊ बयानों पर नियंत्रण

भड़काऊ बयानों पर अंकुश

भड़काऊ बयानों पर नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया गया है। सभी दलों और प्रत्याशियों को व्यक्तिगत हमलों, सांप्रदायिक अपीलों या जाति-आधारित भावनाओं को भड़काने वाली गतिविधियों से बचना होगा। आलोचना केवल नीतियों और कार्यक्रमों तक सीमित रहनी चाहिए। सरकारी संसाधनों (जैसे वाहन, विज्ञापन, वेबसाइट) का चुनावी प्रचार के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा।


सभा और जुलूस के लिए अनुमति आवश्यक

सभा और जुलूस के लिए लेनी होगी अनुमति

सभी दलों और नेताओं को सभाओं के लिए पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी। शोर-शराबा या यातायात में बाधा नहीं डालनी होगी। शैक्षणिक संस्थानों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। जुलूसों में वाहनों की संख्या 10 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए पूर्व सूचना देना और पुलिस के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। लाउडस्पीकर का उपयोग सीमित समय (रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक) तक रहेगा, और मतदान से 48 घंटे पहले पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मतदान केंद्रों के पास प्रचार और भीड़ पर रोक रहेगी, और मतदाताओं को शराब परोसना या परिवहन प्रदान करना निषिद्ध होगा।