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बिहार चुनाव में नकदी वितरण, महाराष्ट्र में योजनाओं पर असर

बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल यू और भाजपा ने चुनाव से पहले महिलाओं के लिए बड़ी नकदी योजनाएं शुरू की हैं, जबकि महाराष्ट्र में लड़की बहिन योजना के कारण विकास परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। छगन भुजबल ने इस स्थिति पर चिंता जताई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि राजनीतिक दल जल्द ही ऐसी योजनाओं से दूरी बना सकते हैं। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।
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बिहार चुनाव में नकदी वितरण, महाराष्ट्र में योजनाओं पर असर

बिहार में चुनावी खजाना

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान, जनता दल यू और भाजपा की सरकार ने चुनाव से पहले जनता के लिए खजाना खोल दिया है। महिला उद्यमी योजना के तहत, 1 करोड़ 21 लाख महिलाओं के खातों में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि डाली गई है। इसके साथ ही, विभिन्न योजनाओं की घोषणा कर कई समूहों के खातों में भी हजारों करोड़ रुपये का वितरण किया गया है।


महाराष्ट्र में योजनाओं का ठप्प होना

हालांकि, महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल ने बताया कि राज्य में लड़की बहिन योजना के कारण कई परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले, तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत महिलाओं के खातों में हर महीने 1500 रुपये डाले जा रहे हैं। इस योजना ने भाजपा, शिव सेना और एनसीपी गठबंधन की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।


विकास परियोजनाओं पर असर

भुजबल ने कहा कि सरकार के पास पूंजीगत खर्च के लिए पर्याप्त धन नहीं है, जिससे विकास की अन्य परियोजनाएं रुक गई हैं। पहले से चल रही लोक कल्याणकारी योजनाओं के साथ इस योजना का जुड़ना सरकार पर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है। झारखंड और मध्य प्रदेश में भी स्थिति समान है। अब ऐसा प्रतीत होता है कि राजनीतिक दल जल्द ही ऐसी योजनाओं से दूरी बनाने का निर्णय ले सकते हैं।