बिहार फाउंडेशन ने पंजाब में प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर चिंता
चंडीगढ़- सोशल मीडिया पर प्रवासी श्रमिकों को पंजाब से जाने के लिए मजबूर करने की चर्चाओं को लेकर बिहार फाउंडेशन और पूर्वांचल एसोसिएशन ने गहरी चिंता व्यक्त की है।
बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए काम करने वाले बिहार फाउंडेशन और पूर्वांचल एसोसिएशन ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें कहा गया है, "पंजाब की प्रगति में अपना योगदान देने वाले प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें उम्मीद है कि पंजाब में स्थानीय निवासियों और प्रवासी समुदाय के बीच भाईचारे की भावना बनी रहेगी। जो लोग इसे कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।"
बिहार फाउंडेशन के पंजाब एवं चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. रूपेश कुमार सिंह ने कहा, "हम इस मामले पर पंजाब सरकार के संपर्क में हैं। लोगों में भय का माहौल है और श्रमिकों के घर लौटने की खबरें आ रही हैं। हमें विश्वास है कि राज्य सरकार सतर्क रहेगी और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन को आवश्यक निर्देश देगी।"
डॉ. सिंह ने बताया कि प्रवासी बिहारियों की सुरक्षा को लेकर चल रही अनिश्चितता के बीच वे बिहार सरकार से भी संपर्क कर रहे हैं ताकि दोनों राज्य सरकारों के बीच इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर चर्चा हो सके। पूर्वांचल एसोसिएशन के चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष डीके सिंह ने कहा कि हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि सभी जिला प्रशासन को अशांति फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए, ताकि प्रवासी श्रमिक सुरक्षित महसूस कर सकें। इस बीच, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी देश के किसी भी हिस्से में काम करने और रहने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा से मेहनती लोगों की भूमि रही है और हम सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।