बिहार में अनोखे सड़क चौड़ीकरण परियोजना पर उठे सवाल

सड़क चौड़ीकरण परियोजना का अनोखा मामला
बिहार के जहानाबाद जिले में पटना से लगभग 50 किलोमीटर दूर एक सड़क चौड़ीकरण परियोजना हाल ही में ₹100 करोड़ की लागत से पूरी हुई है। यह परियोजना अपने अनोखे निर्माण के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है। पटना-गया मुख्य मार्ग का हिस्सा मानी जाने वाली इस 7.48 किलोमीटर लंबी सड़क को नया रूप दिया गया है, जिसमें ताजा डामरीकरण और लैंडस्केपिंग शामिल है।
पेड़ों की मौजूदगी से बाधित यातायात
हालांकि, सड़क के बीच में कई बड़े पेड़ यथावत खड़े हैं, जो यातायात प्रवाह को बाधित कर रहे हैं और वाहनों को उनके चारों ओर घूमने के लिए मजबूर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई है, जिसमें सड़क के एक हिस्से के बीच में एक पेड़ खड़ा दिख रहा है, जिसके चलते परियोजना की योजना और निष्पादन पर सवाल उठ रहे हैं.
पर्यावरण मंजूरी की कमी
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, परियोजना से जुड़े अधिकारियों को निर्माण के दौरान पेड़ों की मौजूदगी की जानकारी थी। फिर भी, सड़क के बीच में पेड़ों को छोड़ दिया गया, जिससे पर्यावरण मंजूरी और सड़क निर्माण व वन संरक्षण विभागों के बीच समन्वय की कमी उजागर होती है.
बिहार PWD की चुप्पी
बिहार सड़क निर्माण विभाग या स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। एक सोशल मीडिया यूजर ने इस अजीबोगरीब निर्माण पर नाराजगी जताते हुए लिखा, "कोई योजना नहीं। कोई सामान्य बुद्धि नहीं। बस करदाताओं के पैसे को शानदार तरीके से बर्बाद करने का एक और उदाहरण."
पेड़ों को हटाने की अनुमति का मामला
जब इस सड़क चौड़ीकरण परियोजना की शुरुआत हुई, तो वन विभाग से मार्ग में मौजूद पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी गई थी। वन विभाग ने इस अनुरोध को खारिज करते हुए 14 हेक्टेयर वन भूमि के लिए मुआवजे की मांग की। जिला प्रशासन ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया और एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पेड़ों के चारों ओर सड़क का निर्माण कर दिया.
सड़क पर बढ़ते हादसे
रिपोर्टों के अनुसार, सड़क पर सिर्फ एक या दो पेड़ नहीं, बल्कि कई पेड़ बेतरतीब ढंग से खड़े हैं। इस सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को लगातार ज़िग-ज़ैग ड्राइविंग करनी पड़ती है, जिससे यह मार्ग बेहद खतरनाक हो गया है। इस अजीब समस्या के कारण पहले ही कई हादसे हो चुके हैं.