बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाएं: क्या नीतीश कुमार की सरकार असफल हो गई?

बिहार का ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान स्थिति
बिहार की भूमि पर भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति की, और यहीं चक्रवर्ती अशोक ने शांति का संदेश फैलाया। नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों ने विश्व को ज्ञान का प्रकाश दिया। महात्मा गांधी ने भी यहीं से सत्याग्रह और अहिंसा का आंदोलन शुरू किया। जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया। लेकिन आज बिहार को कुछ लोग भारत की क्राइम कैपिटल और महाजंगलराज के रूप में देख रहे हैं।
बिहार में हर महीने औसतन 229 हत्याएं
आंकड़ों के अनुसार, 2015 से 2024 के बीच बिहार में अपराध की घटनाओं में 80.2% की वृद्धि हुई है, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 23.7% है। जुलाई में पटना के पारस अस्पताल में एक सजायाफ्ता कैदी की हत्या ने पूरे देश को चौंका दिया। इसी महीने में कई अन्य चर्चित हत्याएं भी हुईं। जनवरी से जून तक के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में हर महीने औसतन 229 हत्याएं हो रही हैं। यह सवाल उठता है कि क्या 20 साल का समय किसी राज्य की कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए पर्याप्त है?
बिहार में अपराध पर बनी फिल्में
बिहार में न तो औद्योगिक विकास है, न ही रोजगार के अवसर। पिछले कई दशकों से बिहार की स्थिति ऐसी रही है कि यहां निवेश करने से पहले कारोबारी सोचने पर मजबूर होते हैं। अपराध की बढ़ती घटनाओं ने इस स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। बाहुबलियों का राज और अपहरण की घटनाएं आम बात बन गई थीं। बॉलीवुड ने इस दौर को फिल्मों के माध्यम से दर्शाया है।
नीतीश कुमार का शासन और अपराध की स्थिति
नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता में आने के बाद कई सुधारात्मक कदम उठाए थे, जिससे उन्हें 'सुशासन बाबू' की उपाधि मिली। लेकिन हाल की घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बिहार में अपराधियों का राज फिर से लौट आया है। बिहार पुलिस के डीजीपी विनय कुमार का कहना है कि आजकल के अपराधों की प्रकृति ऐसी है कि उन्हें रोकना मुश्किल है।
बिहार में हत्याओं से जुड़े आंकड़े
2015 में 3,178, 2016 में 2,581, 2017 में 2,803, 2018 में 2,934, 2019 में 3,138, 2020 में 3,150, 2021 में 2,799, और 2022 में 2,930 हत्याएं हुईं।
बिहार में अपराध ग्राफ
2018 में 1,96,911, 2019 में 1,97,935, 2020 में 1,94,698, 2021 में 1,86,006, और 2022 में 2,11,079 अपराध दर्ज किए गए।
बिहार में जंगलराज का खात्मा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जंगलराज को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाए थे। लेकिन आज भी बिहार पुलिस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। साइबर क्राइम और अन्य अपराधों से निपटने के लिए पुलिस को नई तकनीकों से लैस किया गया है।
लालू प्रसाद यादव का शासनकाल
1990 में लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री पद संभाला। उनके शासन में बाहुबलियों ने अपराध को कारोबार बना दिया। अपहरण और रंगदारी की घटनाएं आम हो गईं।
1990 से 2005 के बीच बिहार में अपराध
इस अवधि में कई नरसंहार और हत्या की घटनाएं हुईं। पुलिस से लोगों का विश्वास कम हुआ और जातीय संघर्ष बढ़ा।