बिहार में अपराध पर चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के बीच तीखी बहस

बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर प्रतिक्रिया
बिहार में हाल के समय में बढ़ते अपराधों को लेकर केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता जीतन राम मांझी से तीखी बहस की है। यह विवाद बिहार की कानून-व्यवस्था और नीतीश कुमार की सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठाता है।
चिराग पासवान का नीतीश सरकार पर आरोप
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चिराग पासवान ने शनिवार (26 जुलाई) को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बढ़ते अपराध प्रशासन की विफलता को दर्शाते हैं। पासवान ने कहा, “बिहार में अपराधों की बढ़ती घटनाएं प्रशासन की कमजोरी को उजागर कर रही हैं। यदि यह स्थिति इसी तरह जारी रही, तो परिणाम गंभीर होंगे।”
चिराग का प्रशासन पर सवाल
उन्होंने यह भी कहा, “मुझे दुख है कि मैं ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूं जहां अपराध नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।” पासवान ने आरोप लगाया कि प्रशासन या तो अपराधों को छिपाने की कोशिश कर रहा है या स्थिति को संभालने में असमर्थ है।
जीतन राम मांझी का जवाब
जीतन राम मांझी ने चिराग के बयान को उनकी “अनुभवहीनता” करार देते हुए कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “चिराग का राजनीतिक अनुभव सीमित है, जबकि उनके पिता का अनुभव लंबा था।” मांझी ने यह भी कहा कि बिहार की कानून-व्यवस्था आज 2005 से पहले की तुलना में बेहतर है।
बिहार में कानून-व्यवस्था पर बहस
चिराग और मांझी के बयानों ने बिहार में कानून-व्यवस्था पर एक नई बहस को जन्म दिया है। चिराग ने हत्या, अपहरण, डकैती और बलात्कार जैसी घटनाओं पर चिंता जताई, जबकि मांझी ने नीतीश सरकार के कार्यकाल में सुधार का दावा किया। यह विवाद एनडीए गठबंधन के भीतर तनाव को भी उजागर करता है।