बिहार में किसानों के लिए नई कृषि योजना: मशीनरी बैंक से मिलेगी 8 लाख रुपये की सब्सिडी

कृषि योजना: किसानों के लिए नई उम्मीद
कृषि योजना: बिहार में किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण: फार्म मशीनरी बैंक से मिलेगी 8 लाख रुपये की सब्सिडी: बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक नई पहल की है, जिससे खेती को अधिक सरल, किफायती और आधुनिक बनाया जा सके। इस वर्ष, राज्य में 38 नए फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जाएंगे।
इन बैंकों के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों की सुविधा कम लागत पर उपलब्ध होगी, जिससे उनकी मेहनत और समय की बचत होगी। उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक मशीनरी बैंक की स्थापना पर 10 लाख रुपये की लागत आएगी, जिसमें से 80% यानी अधिकतम 8 लाख रुपये की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाएगी। यह योजना बिहार के कृषि रोडमैप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य किसानों को तकनीक से जोड़कर उनकी उत्पादकता को बढ़ाना है।कृषि योजना
इस योजना का लाभ उन संगठनों और समूहों को मिलेगा, जो किसानों के हित में कार्यरत हैं। इसमें जीविका समूह, स्वयं सहायता समूह (SHG), किसान उत्पादक संगठन (FPO), प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS), और नाबार्ड से जुड़े किसान क्लब शामिल हैं।
ये सभी समूह मशीनरी बैंक स्थापित करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। खास बात यह है कि प्रत्येक बैंक में कम से कम एक ट्रैक्टर चालित या स्वचालित यंत्र होना अनिवार्य होगा, जिससे बुआई, जुताई, रोपाई और कटाई जैसे कार्यों में समय और लागत की बचत होगी।
बिहार में अब तक 569 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित हो चुके हैं, जो किसानों को कम किराए पर आधुनिक यंत्र उपलब्ध करा रहे हैं। ये बैंक न केवल किसानों के खर्च को कम करते हैं, बल्कि उनकी फसलों की पैदावार को भी बढ़ाने में मदद करते हैं। छोटे किसानों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि अब उन्हें महंगे यंत्र खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे किराए पर यंत्र लेकर अपनी खेती को अधिक लाभकारी बना सकते हैं।
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह छोटे और सीमांत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आधुनिक यंत्रों की उपलब्धता से न केवल खेती के कार्य तेज होंगे, बल्कि उत्पादन में भी वृद्धि होगी। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
आवेदन करने के इच्छुक समूह बिहार कृषि विभाग या जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। योजना से संबंधित सभी जानकारी बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट और IPRD बिहार के पोर्टल पर भी उपलब्ध है।
यह पहल न केवल बिहार के किसानों के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि यह खेती को तकनीक से जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर भी है। यदि आप भी इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और खेती में नई क्रांति का हिस्सा बनें।