बिहार में कृषि ड्रोन अनुदान: 3.65 लाख रुपये तक की सब्सिडी कैसे प्राप्त करें

कृषि ड्रोन अनुदान योजना
कृषि ड्रोन अनुदान: बिहार में 3.65 लाख रुपये तक की सब्सिडी, जानें कैसे करें लाभ उठाने की प्रक्रिया: कृषि ड्रोन अनुदान योजना ने बिहार के किसानों के लिए नई संभावनाएं खोली हैं। बिहार सरकार ने स्मार्ट खेती और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए 101 अनुमंडलों में ड्रोन खरीद पर 3.65 लाख रुपये तक की सब्सिडी देने की घोषणा की है।
यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू होगी। किसानों को ड्रोन संचालन के लिए पायलट प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। यह पहल किसानों की आय और फसल उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक होगी। आइए, इस योजना के सभी पहलुओं और लाभों पर नजर डालते हैं।
ड्रोन खरीद पर सब्सिडी
ड्रोन खरीद पर सब्सिडी: बिहार सरकार ने कृषि ड्रोन अनुदान योजना के तहत 101 अनुमंडलों में ड्रोन खरीद पर 60% या अधिकतम 3.65 लाख रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि शेष राशि किसानों को स्वयं वहन करनी होगी।
इस योजना के लिए 368.65 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। ड्रोन का उपयोग कीटनाशक और तरल उर्वरक के छिड़काव में सहायक होगा, जिससे स्मार्ट खेती को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
पायलट प्रशिक्षण की सुविधा
मुफ्त पायलट प्रशिक्षण: इस योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ ड्रोन संचालन के लिए पायलट प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी के लिए 35,000 रुपये की लागत से 101 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसके लिए 35.35 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
यह प्रशिक्षण किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगा और उन्हें आधुनिक तकनीक का उपयोग कर फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा। कृषि ड्रोन अनुदान किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा।
किसानों के लिए लाभ
किसानों के लिए कई लाभ: कृषि ड्रोन अनुदान योजना से बिहार के किसान आत्मनिर्भर बनेंगे। यह योजना उत्पादन लागत को कम करने में सहायक होगी और फसलों की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार लाएगी। ड्रोन का उपयोग कीटनाशक छिड़काव में पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, जिससे टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा।
किसानों की आय बढ़ाने में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बिहार सरकार की यह पहल स्मार्ट खेती की दिशा में एक बड़ा कदम है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे योजना का लाभ उठाने के लिए स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।