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बिहार में चुनाव आयोग ने जारी की नई मतदाता सूची, विवादास्पद पुनरीक्षण के बाद

बिहार में चुनाव आयोग ने विवादास्पद विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद नई मतदाता सूची जारी की है। इस प्रक्रिया में 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जिसमें मृतक और स्थायी रूप से बाहर रहने वाले लोग शामिल हैं। विपक्ष ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव शामिल हैं। मुजफ्फरपुर में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, और नई सूची का विवरण ऑनलाइन उपलब्ध है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार को पहचान पत्र के रूप में शामिल करने का निर्देश भी दिया है।
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बिहार में चुनाव आयोग ने जारी की नई मतदाता सूची, विवादास्पद पुनरीक्षण के बाद

बिहार में मतदाता सूची का अद्यतन

Bihar SIR: बिहार में हाल ही में हुए विवादास्पद विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद, चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए मतदाताओं की अंतिम सूची जारी कर दी है। आयोग का कहना है कि SIR का उद्देश्य केवल असली मतदाताओं को सूची में बनाए रखना और छूटे हुए मतदाताओं को शामिल करना है। विपक्ष ने इस प्रक्रिया की कड़ी आलोचना की है।


विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा निकाली और चुनाव आयोग पर सत्ताधारी गठबंधन की मदद करने का आरोप लगाया।


22 वर्षों के अंतराल के बाद किए गए इस संशोधन में 65 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से हटा दिए गए, जिनमें वे लोग भी शामिल थे जो या तो मृत हो चुके थे, स्थायी रूप से बिहार से बाहर चले गए थे, या कई स्थानों पर मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड थे। सुप्रीम कोर्ट भी इस प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।


मुजफ्फरपुर में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि


मंगलवार को जारी अंतिम सूची के अनुसार, मुजफ्फरपुर में 88,108 नए मतदाता जुड़े हैं, जिससे ड्राफ्ट सूची की संख्या 32,03,370 से बढ़कर 32,91,478 हो गई है। पटना में 1,63,600 और नवादा जिले में 30,491 नए मतदाता जोड़े गए हैं।


नई वोटर लिस्ट का पूरा विवरण https://voters.eci.gov.in/ पर उपलब्ध है। सभी मतदाता इस पोर्टल पर जाकर अपने नाम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


आधार को पहचान पत्र के रूप में शामिल करने का निर्देश


यह ध्यान देने योग्य है कि 8 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह वोटर लिस्ट में आधार को पहचान के प्रमाण पत्र के रूप में शामिल करे और इसके लिए 11 अन्य दस्तावेजों की सूची भी शामिल करे। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार का उपयोग नागरिकता साबित करने के लिए नहीं किया जा सकता।