Newzfatafatlogo

बिहार में चुनावी हलचल: राजद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। राजद का आरोप है कि यह प्रक्रिया एकतरफा है और केवल बिहार को निशाना बनाया जा रहा है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। इस बीच, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्थिति स्पष्ट की है कि प्रक्रिया चुनाव आयोग के निर्देशानुसार हो रही है। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
 | 
बिहार में चुनावी हलचल: राजद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

बिहार में सियासी गतिविधियों में तेजी

बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी के साथ ही राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। इस संदर्भ में, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने राज्य में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। राजद सांसद मनोज झा ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के इस निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उनका आरोप है कि यह प्रक्रिया एकतरफा है और केवल बिहार को निशाना बनाया जा रहा है।


एसआईआर के आदेश का विवरण

चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में एसआईआर के आदेश जारी किए थे, जिसका उद्देश्य 25 जुलाई तक लगभग आठ करोड़ मतदाताओं की समीक्षा करना है। आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया बिना किसी बदलाव के 'ज़मीनी स्तर पर सुचारू रूप से' की जा रही है। हालांकि, विपक्षी दल इसे संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं।


विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है कि जब 2003 में यह नियम पूरे देश में लागू किया गया था, तो अब केवल बिहार को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? उन्होंने इसे एकतरफा कार्रवाई करार दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस प्रक्रिया की आलोचना करते हुए इसे 'दलितों और वंचितों के मताधिकार को छीनने की साजिश' बताया।


दस्तावेज़ जमा करने की प्रक्रिया

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह चुनाव आयोग के निर्देशानुसार हो रही है। उन्होंने बताया कि 1 अगस्त को जारी की जाने वाली मसौदा मतदाता सूची में उन सभी मौजूदा मतदाताओं के नाम शामिल होंगे जिन्होंने गणना फॉर्म जमा किया है। दस्तावेज़ न होने की स्थिति में भी मतदाताओं को फॉर्म के साथ दस्तावेज बाद में जमा करने की छूट दी गई है.


महुआ मोइत्रा का सुप्रीम कोर्ट में कदम

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के बाद अब चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल को भी निशाना बना सकता है। मोइत्रा ने कहा कि यह प्रक्रिया युवाओं को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की साजिश है।