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बिहार में जेडीयू को बड़ा झटका, संतोष कुशवाहा ने राजद का दामन थामा

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को एक बड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ नेता संतोष कुमार कुशवाहा ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल होने का निर्णय लिया है। उनके इस कदम से सीमांचल की राजनीति में हलचल मच गई है। कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ने का कारण नेतृत्व की अनदेखी बताया। इस घटनाक्रम में अन्य नेताओं का भी राजद में शामिल होना महत्वपूर्ण है। जानें इस राजनीतिक बदलाव के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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बिहार में जेडीयू को बड़ा झटका, संतोष कुशवाहा ने राजद का दामन थामा

संतोष कुशवाहा का राजद में शामिल होना

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा सांसद संतोष कुमार कुशवाहा ने आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल होने का निर्णय लिया। उन्होंने दोपहर में जेडीयू से इस्तीफा देकर अपने समर्थकों के साथ राजद का हाथ थाम लिया। कुशवाहा के इस कदम से सीमांचल की राजनीतिक स्थिति में हलचल मच गई है। उन्होंने जेडीयू छोड़ने का मुख्य कारण पार्टी नेतृत्व की अनदेखी को बताया।


इसके अलावा, राहुल शर्मा (पूर्व विधायक, घोसी, JDU), अजय कुशवाहा (पूर्व प्रत्याशी, लोजपा) और चाणक्य प्रकाश रंजन (बांका से JDU सांसद गिरधारी प्रसाद यादव के पुत्र) भी तेजस्वी यादव की उपस्थिति में राजद में शामिल हुए। इस अवसर पर तेजस्वी यादव ने कहा कि, "मुझे पूरा विश्वास है कि इन नेताओं के पार्टी में शामिल होने से दल की ताकत बढ़ेगी और सामाजिक न्याय की विचारधारा को भी मजबूती मिलेगी। अब हमारे चाचा अचेत अवस्था में हैं। जेडीयू और बिहार अब नीतीश कुमार जी नहीं, बल्कि भाजपा चला रही है।"



ज्ञात हो कि सीमांचल में संतोष कुशवाहा को कोइरी समाज के प्रमुख नेताओं में माना जाता है। धमदाहा विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम, यादव और कोइरी समाज के मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है। राजद ने कुशवाहा की नाराजगी को भुनाने का प्रयास किया है। उनके पार्टी में शामिल होने से राजद को न केवल धमदाहा सीट पर मजबूती मिलेगी, बल्कि यह कदम कुशवाहा वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।